अक्सर ऐसा होता है कि जीवन में हम कई बार गलतियों को सुधारने का मौका पाते हैं, लेकिन गलती करने से पहले यदि कोई हमें बता दे कि हमारे साथ कुछ गलत होने वाला है तो हम उसे करने से बच जाते हैं। इसी तरह कई बार हमारे जीवन में ऐसी घटनाएं होती हैं जो हमें भविष्य की ओर इशारा करती हैं।
हाल ही में मेरे साथ एक ऐसा ही वाकया हुआ। मैं अपने ऑफिस से घर लौट रही थी। बस स्टॉप पर काफी भीड़ थी। बस आते ही लोग उसमें चढ़ने के लिए होड़ लगाने लगे। जैसे-तैसे मैं भी बस में चढ़ गई। भीड़ इतनी अधिक थी कि मुझे खड़े-खड़े यात्रा करनी पड़ी। कुछ देर बाद बस से एक व्यक्ति उतरा और उसके बाद मेरे पास खाली सीट आ गई।
मैंने राहत की सांस ली और सीट पर बैठ गई। जैसे ही मैं बस से उतरने के लिए सही जगह पर पहुंची, मुझे अपनी जेब में कुछ गड़बड़ महसूस हुई। मैंने जेब में हाथ डालकर देखा तो मेरा फोन गायब था। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरा फोन चुरा लिया गया था।
मैं घबरा गई और बस ड्राइवर को रुकने के लिए कहा। बस ड्राइवर ने बस रोक दी और मैं नीचे उतर गई। मैं इतनी परेशान थी कि मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए। मैंने पुलिस को फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन करने के लिए कहा। मैं निराश हो गई। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं अब क्या करूं।
तभी मुझे याद आया कि मेरे पास एक पुराना फोन है जो मैं इस्तेमाल नहीं करती थी। मैं घर गई और पुराना फोन लेकर वापस आई। मैंने अपने पुराने फोन से अपने नए फोन पर कॉल की। फोन उठाया गया, लेकिन कॉल करने वाले ने मेरा फोन काट दिया।
मैं फिर से निराश हो गई। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि अब मुझे क्या करना चाहिए। तभी मुझे एक आदमी दिखाई दिया। वह मेरे पास आया और पूछा, "क्या आप ठीक हो?" मैंने उसे अपनी समस्या बताई। उसने मुझे थोड़ा इंतजार करने को कहा।
कुछ देर बाद वह आदमी एक आदमी के साथ लौटा। उस आदमी ने मुझे अपना फोन दिखाया। यह मेरा फोन था। मुझे बहुत खुशी हुई। मैंने उस आदमी को धन्यवाद दिया और बस स्टॉप की ओर चल दी।
रास्ते में मुझे एहसास हुआ कि अगर मैं बस में बैठने से पहले अपने फोन को थोड़ा ऊपर रखती तो शायद यह चोरी नहीं होता। यह घटना मुझे यह भी सिखा गई कि हमें हमेशा अपने सामान के प्रति सतर्क रहना चाहिए।
मुझे खुशी है कि मेरा फोन वापस मिल गया। लेकिन मुझे यह भी लगता है कि यह घटना भविष्य के लिए एक सबक है। हमें हमेशा सावधान रहना चाहिए और अपने सामान पर ध्यान देना चाहिए।