रवींद्रनाथ टैगोर की जन्मदिन पर एक अनोखा नजरिया




आज रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती है। इस महान कवि और दार्शनिक की याद में हम उनके जन्मदिन पर एक अनोखा नजरिया पेश कर रहे हैं।
रवींद्रनाथ टैगोर को उनकी काव्य रचनाओं के लिए जाना जाता है, जिनके लिए उन्हें 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह एक प्रतिभाशाली संगीतकार और चित्रकार भी थे?
टैगोर की पेंटिंग अक्सर शांत और ध्यान की स्थिति को दर्शाती हैं। उनकी पेंटिंग में प्रकृति, विशेष रूप से पेड़ और पहाड़, अक्सर प्रमुख विषय होते हैं। अपनी पेंटिंग के बारे में टैगोर ने कहा था, "जब मैं पेंट करता हूं, तो मुझे ऐसा लगता है कि मैं किसी चीज से छिपा हुआ हूं।"
टैगोर का संगीत भी उनकी काव्य रचनाओं की तरह ही प्रसिद्ध है। उन्होंने हजारों गाने लिखे और संगीतबद्ध किए, जिन्हें आज भी भारत और दुनिया भर में गाया जाता है। टैगोर के गीतों में प्रेम, सौंदर्य और आध्यात्मिकता जैसे विषयों की खोज की गई है।
टैगोर की बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें कई क्षेत्रों में योगदान देने की अनुमति दी। वह एक महान कवि, संगीतकार, चित्रकार और दार्शनिक थे। उनकी विरासत आज भी साहित्य, संगीत और कला की दुनिया में प्रासंगिक है।
टैगोर की जयंती हमें उनकी प्रतिभा और विरासत को याद करने का मौका देती है। आइए हम उनकी कविता, संगीत और पेंटिंग से प्रेरणा लेते रहें।

टैगोर के जीवन से कुछ दिलचस्प बातें

क्या आप जानते हैं कि...
* टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कोलकाता में एक धनी और प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था।
* वह 13 बच्चों में सबसे छोटे थे।
* उन्होंने अपनी औपचारिक शिक्षा पूरी नहीं की और अपने पिता से ही घर पर शिक्षा प्राप्त की।
* उन्होंने अपनी पहली कविता 8 साल की उम्र में लिखी थी।
* उन्हें अपनी रचनाओं के लिए 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला।
* वह पहले गैर-यूरोपीय थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला।
* उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय गान "जन गण मन" की रचना की।
* उन्होंने शांति निकेतन विश्वविद्यालय की स्थापना की।
* उनका निधन 7 अगस्त, 1941 को कोलकाता में हुआ था।
टैगोर की विरासत आज भी साहित्य, संगीत और कला की दुनिया में प्रासंगिक है। आइए हम उनकी कविता, संगीत और पेंटिंग से प्रेरणा लेते रहें।