आजकल की दुनिया में हो रहे युद्धों में रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग सबसे ज्यादा चर्चाओं में है। जिसके कारण पूरी दुनिया इस भयानक युद्ध से बुरी तरह प्रभावित हुई है।
इस युद्ध की असली शुरुआत तो 2014 से ही हो गयी थी। जब रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्ज़ा कर लिया। लेकिन इस युद्ध ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के साथ एक नया मोड़ लिया।
इस युद्ध के कारणों में से एक नाटो का पूर्व की ओर विस्तार है। नाटो का विस्तार रूस के लिए एक बड़ा खतरा मना जा रहा है। रूस का मानना है कि यूक्रेन का नाटो में शामिल होना रूस के लिए एक बड़ी सुरक्षा चुनौती होगी।
इसके अलावा, रूस यूक्रेन में रूसी भाषी आबादी के अधिकारों की रक्षा करने का भी दावा करता है। रूस का कहना है कि यूक्रेन सरकार रूसी भाषी लोगों के अधिकारों का हनन कर रही है।
इस युद्ध का यूक्रेन पर बहुत ही भयानक असर हुआ है। लाखों लोग विस्थापित हो गए हैं और हजारों लोग मारे गए हैं। रूस के हमलों ने यूक्रेन के बुनियादी ढांचे को भी तबाह कर दिया है।
इस युद्ध ने रूस को भी काफी नुकसान पहुँचाया है। रूस पर कई देशों ने प्रतिबंध लगा दिए हैं। जिससे रूस की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान हुआ है। साथ ही हजारों रूसी सैनिक भी इस युद्ध में मारे गए हैं।
इस युद्ध का असर पूरी दुनिया पर भी पड़ा है। युद्ध के कारण ऊर्जा और खाद्य की कीमतों में वृद्धि हुई है। साथ ही युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी अस्थिर कर दिया है।
इस युद्ध का अंत कब होगा, यह कहना मुश्किल है। लेकिन इतना तय है कि इस युद्ध का असर आने वाले कई सालों तक दुनिया पर पड़ता रहेगा।
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