रोहन मिर्चंदानी और एपीगेमिया का उदय




भारतीय खाद्य उद्योग के एक ऐसे अग्रणी व्यक्ति की कहानी, जिन्होंने एक साधारण विचार को एक सफल व्यवसाय में बदल दिया।

परिचय
रोहन मिर्चंदानी एक ऐसे दृष्टिकोण वाले उद्यमी थे, जिन्होंने भारतीय खाद्य परिदृश्य में क्रांति ला दी। एक प्रबंधन सलाहकार के रूप में अपने करियर से शुरुआत करते हुए, उन्होंने 2015 में एपीगेमिया की स्थापना की, जो ग्रीक योगर्ट पर केंद्रित एक ब्रांड है।
एपीगेमिया की जड़ें
рохин का मानना ​​था कि भारतीय बाजार उच्च-गुणवत्ता वाले दही के लिए तैयार था। उन्होंने ग्रीक दही पर शोध किया और महसूस किया कि इसमें भारतीय स्वाद कलियों को संतुष्ट करने की क्षमता है। अपने सह-संस्थापकों, श्रेयंस संगल और मितु दलिया के साथ, उन्होंने एपीगेमिया लॉन्च किया।
बाजार का विस्तार
शुरुआत में चुनौतियों का सामना करते हुए, एपीगेमिया ने जल्द ही अपनी उच्च-गुणवत्ता और स्वादिष्ट उत्पादों के लिए मान्यता प्राप्त की। रोहन और उनकी टीम ने विविध स्वादों और उत्पादों की एक श्रृंखला के साथ बाजार का विस्तार किया, जिसमें दही, स्मूदी और छाछ शामिल थी।
नवाचार और विघटन
रोहन नवाचार में विश्वास रखते थे। उन्होंने एक अभिनव तकनीक का उपयोग किया जिसने ग्रीक दही के उत्पादन को अधिक कुशल बनाया। उन्होंने विज्ञापन और मार्केटिंग में भी अनूठे तरीके अपनाए, जिसमें सोशल मीडिया प्रभावितों और लक्षित अभियानों का उपयोग शामिल है।
बाजार में हिस्सेदारी हासिल करना
अपने अथक प्रयास और रणनीतिक निर्णयों के माध्यम से, एपीगेमिया भारतीय ग्रीक दही बाजार में तेजी से प्रमुख ब्रांड बन गया। इसका स्वादिष्ट उत्पाद पोषण और स्वाद का एक अनूठा संयोजन प्रदान करता है, जिससे यह स्वास्थ्य-जागरूक उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रिय हो गया।
एक विरासत छोड़ना
42 वर्ष की आयु में रोहन मिर्चंदानी के असामयिक निधन ने भारतीय व्यवसाय समुदाय को झकझोर दिया। हालाँकि, एपीगेमिया की विरासत उनके दृष्टिकोण और भारतीय खाद्य उद्योग में उनके योगदान की गवाही देती है। रोहन ने साबित किया कि जुनून, दृढ़ता और नवोन्मेष से किसी भी विचार को सफलता की ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकता है।