देश में ऐसे कम ही कलाकार हैं जो अपनी दमदार एक्टिंग और बेबाक रवैये के लिए जाने जाते हैं। एक ऐसे ही कलाकार हैं रणदीप हुड्डा। अपने दम पर एक पहचान बनाने वाले रणदीप हुड्डा की ज़िंदगी किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं है।
सिर्फ़ एक आम लड़काहरियाणा के रोहतक ज़िले के एक साधारण परिवार में पैदा हुए रणदीप हुड्डा के पिता एक सर्जन थे और माता एक प्रिंसिपल। रणदीप शुरुआत से ही पढ़ाई-लिखाई में अच्छे थे और उनकी दिलचस्पी एक्टिंग में नहीं थी। डॉक्टर या इंजीनियर बनने का सपना लिए उन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित हंसराज कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक की पढ़ाई की।
अचानक खोला अभिनय का दरवाज़ास्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद रणदीप का मन पढ़ाई से उचट गया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया जाने का फैसला किया और वहाँ पर एक साल के कोर्स में एडमिशन ले लिया। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। ऑस्ट्रेलिया पहुँचते ही उन्हें एक मॉडलिंग असाइनमेंट मिला। यहीं से उनके एक्टिंग करियर की शुरुआत हुई।
स्ट्रगल के दिन और पहली फ़िल्ममॉडलिंग के बाद रणदीप मुंबई आए और एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा। लेकिन उनका सफ़र आसान नहीं था। ढेरों ऑडिशन दिए, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस दौरान उन्होंने बतौर सहायक निर्देशक भी काम किया। आख़िर में सन 2001 में उन्हें मीरा नायर की फ़िल्म "मॉनसून वेडिंग" में एक छोटी भूमिका मिली। यही उनकी डेब्यू फ़िल्म थी।
खलनायक से नायक का सफ़र"मॉनसून वेडिंग" में रणदीप ने एक नकारात्मक किरदार निभाया था। लेकिन फ़िल्म की सफलता ने उनका करियर बदल दिया। इसके बाद उन्हें कई खलनायक की भूमिकाएँ मिलीं। 2009 में आई "वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई" फ़िल्म में उन्होंने दाऊद इब्राहिम का रोल निभाया। यह उनकी सबसे यादगार भूमिकाओं में से एक है।
हालाँकि, खलनायक के रूप में पहचान बनाने के बाद रणदीप ने नायक की भूमिकाएँ निभानी शुरू कीं। 2013 की फ़िल्म "हाईवे" में उनके अभिनय को बेहद सराहा गया। इसके बाद उन्होंने "सरबजीत", "मोहेंजो दारो" और "लस्ट स्टोरीज़" जैसी कई सफल फ़िल्मों में मुख्य भूमिकाएँ निभाईं।
एक अलग और बेबाक कलाकाररणदीप हुड्डा बॉलीवुड के सबसे अलग और बेबाक कलाकारों में से एक हैं। वह अपने विचारों को खुलकर व्यक्त करने से नहीं डरते। उनका मानना है कि एक कलाकार का फ़र्ज़ सिर्फ़ फ़िल्मों में अभिनय करना ही नहीं है, बल्कि समाज में हो रहे अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना भी है।
सेना की भूमिकाओं से लगावरणदीप हुड्डा का सेना की भूमिकाओं से गहरा लगाव है। उन्होंने कई फ़िल्मों में सैनिकों का किरदार निभाया है। उनका मानना है कि सेना देश की रीढ़ है और सैनिकों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।
पर्यावरण प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ताअभिनय के अलावा रणदीप हुड्डा एक पर्यावरण प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। वह अक्सर पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं। वह "प्रोजेक्ट फ़ॉरेस्ट" नामक एक गैर-सरकारी संगठन से भी जुड़े हुए हैं।
एक प्रतिभाशाली और प्रेरक कलाकाररणदीप हुड्डा एक प्रतिभाशाली और प्रेरक कलाकार हैं। उनके अभिनय ने लाखों लोगों का दिल जीता है। उनकी बेबाकी और समाज सेवा के प्रति समर्पण उन्हें एक आदर्श कलाकार बनाता है। वे एक ऐसे कलाकार हैं जो अपनी फिल्मों के ज़रिए न केवल मनोरंजन करते हैं बल्कि समाज में बदलाव लाने की कोशिश भी करते हैं।