आजकल लाइव न्यूज़ चैनल हर घर में लग चुके हैं। इससे पहले, हमें समाचार רקों के लिए टीवी पर 8 बजे का इंतज़ार करना पड़ता था, लेकिन अब किसी भी समय कोई भी समाचार देख सकता है। जबकि यह एक अच्छी बात लगती है, लेकिन लाइव न्यूज़ के कुछ नुकसान भी हैं जिनके बारे में हमें पता होना चाहिए।
सनसनीखेज़ीलाइव न्यूज़ चैनल सबसे पहले और तेज़ी से खबरें ब्रेक करने का दावा करते हैं। लेकिन कई बार, उनकी प्रीथमकता सनसनीखेज़ी समाचारों को दिखाने पर होती है, जो हमेशा सटीक या संतुलित नहीं होते हैं। यह भ्रम और गलत सूचनाओं को जन्म दे सकता है।
रेटिंग का खेललाइव न्यूज़ चैनल अक्सर टीआरपी (टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट्स) को बढ़ाने पर अधिक ध्यान देते हैं। इसका मतलब है कि वे ऐसी सामग्री दिखाते हैं जो भावनाओं को उत्तेजित करती है या डर पैदा करती है, चाहे वह सच हो या न हो। यह नैतिकता के मानकों को कम करता है और सार्वजनिक बहस को विकृत कर सकता है।
कई लाइव न्यूज़ चैनल एक विशेष राजनीतिक या वैचारिक दृष्टिकोण से संचालित होते हैं। यह उनके कवरेज में स्पष्ट हो सकता है, जो अक्सर एकतरफा या कुछ समूहों के प्रति पक्षपाती होता है। इससे समाज में ध्रुवीकरण बढ़ सकता है और सार्वजनिक नीति पर सूचित चर्चा करना मुश्किल हो जाता है।
तनाव और चिंतालाइव न्यूज़ को लगातार देखने से तनाव और चिंता हो सकती है। समाचार चैनल अक्सर नकारात्मक घटनाओं और त्रासदियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे दर्शकों में निराशावाद और लाचारी की भावना आ सकती है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
हालाँकि लाइव न्यूज़ के कुछ नुकसान हैं, लेकिन यह जानकारी प्राप्त करने का एक मूल्यवान स्रोत भी हो सकता है। समाचार को ज़िम्मेदारी से देखने के लिए, यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:
लाइव न्यूज़ एक शक्तिशाली उपकरण है, लेकिन इसका उपयोग सावधानी से किया जाना चाहिए। समाचार को ज़िम्मेदारी से देखकर, हम इसकी जानकारीपूर्ण शक्ति का लाभ उठा सकते हैं जबकि इसके संभावित नुकसानों को कम कर सकते हैं।