लुक वुड पर आरोप है कि उन्होंने अपने काउंटी मैच में नस्लीय टिप्पणी की थी। यह घटना उस समय हुई जब वुड काउंटी चैम्पियनशिप मैच में डर्बीशायर के खिलाफ यॉर्कशायर के लिए खेल रहे थे। आरोप है कि वुड ने डर्बीशायर के बल्लेबाज मोहम्मद आमिर से कहा, "तुम लोग अपने देश में ऐसे नहीं खाते हो"।
इस घटना के बाद वुड पर नस्लीय भेदभाव के आरोप में इंडिपेंडेंट रेगुलेटरी ऑर्गनाइजेशन (IRO) द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया है। वुड को पांच मैचों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है और उन पर 15,000 पाउंड का जुर्माना भी लगाया गया है।
वुड के आरोप से क्रिकेट जगत में हड़कंप मच गया है। कई पूर्व क्रिकेटरों और विशेषज्ञों ने वुड के व्यवहार की निंदा की है। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है।
वुड के मामले से खेल में नस्लवाद के मुद्दे पर फिर से सवाल उठने लगे हैं। पिछले कुछ वर्षों में, क्रिकेट में नस्लवाद के कई मामले सामने आए हैं। यह एक गंभीर मुद्दा है जिसे खेल से खत्म करने की जरूरत है।
वुड का मामला एक चेतावनी है कि खेल में नस्लवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी खिलाड़ियों, कोचों और प्रशंसकों को अपनी ज़िम्मेदारी समझनी चाहिए और खेल से नस्लवाद को खत्म करने के लिए काम करना चाहिए।
नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई में हम सबको एकजुट होकर काम करना होगा। हम सभी को लुक वुड जैसे खिलाड़ियों को जवाबदेह ठहराना चाहिए। हमें एक ऐसा खेल बनाना होगा जहां हर कोई सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार किया जाए।