IAS, IPS, IRS या किसी अन्य UPSC पद पर चयन पाने का सपना हर युवा देखता है. कई लोग तो यही अपना अंतिम लक्ष्य मानकर तैयारी करते हैं और सालों-साल मेहनत करते हैं. पर क्या आप जानते हैं कि UPSC में लेटरल एंट्री के प्रावधान के माध्यम से भी अपनी योग्यता साबित करके इन पदों को पाया जा सकता है?
लेटरल एंट्री सरकारी नौकरियों में नियुक्ति का एक तरीका है जिसके तहत अनुभवी पेशेवरों को सीधे उच्च पदों पर नियुक्त किया जाता है. इस प्रक्रिया में उम्मीदवारों को किसी लिखित परीक्षा से नहीं गुजरना पड़ता है, बल्कि उनके अनुभव और कौशल के आधार पर उनका चयन किया जाता है.
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) भी विभिन्न पदों के लिए लेटरल एंट्री की सुविधा प्रदान करता है. UPSC में लेटरल एंट्री के तहत उम्मीदवारों को सीधे डेप्युटी सेक्रेटरी, अंडर सेक्रेटरी या डायरेक्टर जैसे वरिष्ठ पदों पर नियुक्त किया जाता है.
UPSC में लेटरल एंट्री के लिए उम्मीदवारों को निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना होता है:
UPSC में लेटरल एंट्री के लिए चयन प्रक्रिया काफी कठोर और प्रतिस्पर्धी होती है. इसमें निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:
UPSC में लेटरल एंट्री के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
UPSC में लेटरल एंट्री अनुभवी पेशेवरों के लिए अपने कैरियर को आगे बढ़ाने और सिविल सेवा में योगदान करने का एक उत्कृष्ट अवसर है. यह प्रक्रिया हालांकि चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इसके कई लाभ हैं. यदि आपके पास उपयुक्त योग्यता और अनुभव है, तो UPSC में लेटरल एंट्री के लिए आवेदन करने पर विचार करें.