लवलीना बोरगोहेन: असम की गोल्डन गर्ल




लवलीना बोरगोहेन एक भारतीय मुक्केबाज हैं, जिन्होंने 2020 टोक्यो ओलंपिक में वेल्टरवेट वर्ग में कांस्य पदक जीता था। असम के बरपेट जिले की रहने वाली, लवलीना एक कठिन बचपन से निकलकर एक सफल एथलीट बन गई हैं।

प्रारंभिक जीवन और मुक्केबाजी में रुचि

लवलीना का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता कड़ी मेहनत करने वाले किसान थे और उन्होंने लवलीना को बहुत कुछ सिखाया, जिसमें अनुशासन और दृढ़ संकल्प भी शामिल था। वे हमेशा अपने बच्चों के बारे में बहुत सुरक्षात्मक थे और चाहते थे कि वे शिक्षित हों और एक अच्छा जीवन जिएं।

लवलीना ने अपने बचपन के अधिकांश दिन खेतों में अपने माता-पिता की मदद करते हुए बिताए। जब वह 12 साल की थी, तब उन्हें पहली बार मुक्केबाजी का पता चला। उनके क्षेत्र में एक मुक्केबाजी शिविर था, और उन्हें यह खेल पसंद आ गया। वह जल्द ही शिविर में एक नियमित बन गईं और जल्दी से अपनी प्रतिभा दिखाने लगीं।

कांस्य पदक की दौड़

2020 टोक्यो ओलंपिक में, लवलीना ने वेल्टरवेट वर्ग में प्रतिस्पर्धा की। टूर्नामेंट की शुरुआत में उन्हें बहुत मजबूत विरोधियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने पहला दौर जीता और क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।

क्वार्टर फाइनल में, लवलीना का सामना तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली से हुआ। यह एक करीबी मुकाबला था, लेकिन लवलीना ने अंततः निर्णय से जीत हासिल की। इस जीत ने उन्हें सेमीफाइनल में भेज दिया, जहां उन्हें दुनिया की नंबर एक मुक्केबाज तुर्की की बस्नाक इरम से सामना करना पड़ा। यह एक कठिन मुकाबला था और लवलीना इसे नहीं जीत पाईं, लेकिन उन्होंने कांस्य पदक जीता, जिससे भारत के लिए ओलंपिक मुक्केबाजी में पदक की सूखा खत्म हो गया।

कांस्य पदक से आगे

टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतना लवलीना के जीवन में एक बड़ा मील का पत्थर था। जिस तरह से उन्होंने बाधाओं पर काबू पाया और पदक जीता, उससे उन्होंने दुनिया भर के लोगों को प्रेरित किया।

कांस्य पदक जीतने के बाद, लवलीना को कई पुरस्कार और सम्मान मिले। वह असम सरकार द्वारा "असम की गोल्डन गर्ल" घोषित की गईं और उन्हें कई अन्य पुरस्कार भी दिए गए। वह अब भारतीय मुक्केबाजी में एक रोल मॉडल हैं और उनका लक्ष्य और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचना है।

एक प्रेरणा

लवलीना बोरगोहेन एक प्रेरणा हैं और उनकी कहानी सभी को सिखाती है कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। वह एक उदाहरण हैं कि कैसे एक सामान्य पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति असाधारण चीजें हासिल कर सकता है।

लवलीना की सफलता ने असम और पूरे भारत को गौरवान्वित किया है। वह लाखों लोगों के लिए एक रोल मॉडल हैं और उनकी कहानी आने वाले कई वर्षों तक लोगों को प्रेरित करती रहेगी।