भारत के उत्तरी क्षेत्रों में मनाया जाने वाला लोहड़ी त्यौहार बहुत ही खास अंदाज में मनाया जाता है। लोहड़ी के अनोखे रिवाज़
तिल और गुड़ का सेवन: सर्दियों में पड़ने वाला लोहड़ी का त्यौहार तिल, गुड़, रेवड़ी, मूंगफली आदि खाने का भी होता है। इस मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए इन चीज़ों का सेवन किया जाता है।
लकड़ी जलाकर नृत्य और गीत: लोहड़ी की शाम को लोग घर के आँगन में या किसी खुले मैदान में लकड़ियों की होली जलाते हैं और उसके चारों ओर प्रसिद्ध "सुंदर मुंदरीये" जैसे गीत गाते हुए और नाचते हुए लोहड़ी मनाते हैं।
तिल-चावल में पैसे डालना: तिल चावल नाम का एक प्रसाद लोहड़ी के मौके पर बनाया जाता है जिसमें चावल, तिल, मेवा और गुड़ मिलाया जाता है। साथ ही इसमें सिक्के भी डाले जाते हैं। माना जाता है कि इस प्रसाद को खाने से घर में सुख समृद्धि आती है।
लोहड़ी से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियां
लोहड़ी के पीछे की मान्यता: लोहड़ी के त्यौहार के पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है। प्राचीन काल में दूलो नाम की एक कन्या थी जिसे दुल्ला भट्टी नामक एक डाकू ने आततायी गुंडों से बचाया था और उसकी शादी का खर्च उठाया था। इसलिए, लोहड़ी का त्यौहार दुलारे दुल्ला का सम्मान करने और समाज में अच्छाई और बुराई के बीच के संघर्ष का प्रतीक है।
लंबी आयु का प्रतीक: लोहड़ी में जलाई जाने वाली होली लंबी आयु का प्रतीक मानी जाती है। माना जाता है कि होली की अग्नि के चारों ओर घूमने से शरीर में गर्मी आती है और सर्दी दूर होती है।
सर्दियों के अंत का संकेत: लोहड़ी सर्दियों के अंत और बसंत ऋतु की शुरुआत का संदेश देती है। यह त्यौहार लोगों में नई ऊर्जा और उमंग भरता है और उन्हें जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करता है।
लोहड़ी से जुड़ी कुछ सावधानियां
सुरक्षा का ध्यान रखें: होली जलाते समय सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। आग से दूर रहें और ज्वलनशील पदार्थों को होली के पास न रखें।
वायु प्रदूषण से बचें: लोहड़ी के त्यौहार में होली जलाने से वायु प्रदूषण हो सकता है, इसलिए धुएं से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कम लकड़ी जलाएं और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करें।
शांत रहें: लोहड़ी की रात को अत्यधिक शोर-शराबा न करें क्योंकि इससे आसपास रहने वाले लोगों को परेशानी हो सकती है। दूसरों की भावनाओं का सम्मान करें और त्योहार का जश्न शांतिपूर्ण तरीके से मनाएं।
सफाई रखें: लोहड़ी के बाद जश्न स्थल और आसपास के क्षेत्र की सफाई अवश्य करें। कूड़ा-कचरा इकट्ठा करें और उसे उचित स्थान पर फेंके।
लोहड़ी का त्यौहार खुशियों, उमंग और मिलन का प्रतीक है। इस त्यौहार को मनाते समय सावधानियाँ बरतें और दूसरों की भावनाओं का सम्मान करें। सभी को लोहड़ी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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