विजेंदर सिंह, भारत के चहेते मुक्केबाज और अब बॉलीवुड के उभरते सितारे, अपने असाधारण करियर और सफलता की कहानी से सभी को प्रेरित कर रहे हैं। रिंग में उनकी दहाड़ती हुई जीत से लेकर सिल्वर स्क्रीन पर उनके अभिनय की शुरुआत तक, विजेंदर सिंह ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा और अडिग दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया है।
रिंग में धमाका:
हरियाणा के हिसार जिले में जन्मे विजेंदर सिंह ने कम उम्र में ही मुक्केबाजी के लिए अपना जुनून खोज लिया था। भारतीय सेना में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने अपनी प्रतिभा को निखारा और कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक हासिल किए। 2008 में, उन्होंने ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया, जो कि बॉक्सिंग में किसी भारतीय द्वारा हासिल किया गया पहला पदक था।
बॉलीवुड में कदम:
रिंग से बाहर भी विजेंदर सिंह की सफलता जारी रही। 2015 में, उन्होंने फिल्म "फुगली" से बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की, जहाँ उन्होंने एक कठोर पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई। उनकी मजबूत उपस्थिति और तीखी आवाज ने दर्शकों को प्रभावित किया। तब से, उन्होंने कई अन्य फिल्मों में काम किया है, जिनमें "मुक्काबाज़", "पानीपत" और "द ग्रेट इंडियन किचन" शामिल हैं।
विजेंदर की कहानी:
विजेंदर सिंह की कहानी महज एक सफलता की कहानी नहीं है। यह कड़ी मेहनत, बलिदान और सपनों को साकार करने की भावना की कहानी है। अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने चुनौतियों का भी सामना किया, लेकिन कभी भी हार नहीं मानी। वह युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं, जो उन्हें अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाने और अपने जुनून का पीछा करने के लिए प्रेरित करते हैं।
व्यक्तिगत स्पर्श:
मुझे विजेंदर सिंह से व्यक्तिगत रूप से मिलने का सम्मान मिला है, और मैं उनकी विनम्रता और दृढ़ संकल्प से बहुत प्रभावित हुआ था। वह हमेशा अपने प्रशंसकों और साथी बॉक्सरों के लिए भी समय निकालते हैं, उन्हें सलाह देते हैं और उनकी मदद करते हैं। उनका सकारात्मक रवैया और देशभक्ति की भावना सभी के लिए एक प्रेरणा है।
विजेंदर सिंह का सफर अभी खत्म नहीं हुआ है। वह रिंग और बॉलीवुड दोनों में अपनी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ हैं। उनकी प्रतिभा और समर्पण उन्हें आने वाले वर्षों में निश्चित रूप से और भी अधिक ऊंचाइयों तक ले जाएँगे।