विनेश फोगाट का फैसला




विनेश फोगाट एक नाम जो हमेशा भारतीय कुश्ती में गर्व और सम्मान के साथ लिया जाता है। वह एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने समाज की जंजीरों को तोड़ा और कुश्ती के मैदान में एक नई पहचान बनाई। लेकिन हाल ही में उनके साथ जो कुछ हुआ, वह न केवल उनके लिए बल्कि पूरे खेल जगत के लिए एक झटका है।
मुझे याद है जब मैंने पहली बार विनेश को कुश्ती करते देखा था। वह अभी बहुत छोटी थीं, लेकिन उनके अंदर आग थी जो सभी को दिखाई देती थी। वह एक ऐसे परिवार से आती हैं जहां कुश्ती खून में बहती है, और उन्होंने इस खेल में अपनी पहचान बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता है, एशियाई खेलों में रजत पदक जीता है और ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
इन सभी उपलब्धियों को हासिल करने में विनेश का साथ उनके कोच ओम प्रकाश दहिया का रहा है। दहिया ने न केवल उन्हें एक महान कुश्ती खिलाड़ी बनाया, बल्कि उन्हें एक मजबूत और स्वतंत्र महिला भी बनाया। लेकिन पिछले कुछ महीनों से दहिया और विनेश के बीच अनबन की खबरें आ रही थीं।
और अब, विनेश ने दहिया को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और राष्ट्रीय महिला आयोग से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
यह एक बहुत ही गंभीर मामला है और निश्चित रूप से इसकी गहन जांच होनी चाहिए। लेकिन इस पूरे प्रकरण ने खेल जगत में कई सवाल उठाए हैं। क्या विनेश को सही कदम उठाने में इतना समय क्यों लगा? क्या उन्हें पहले भी इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा था? और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मामले को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कैसे संभाला जाएगा?
मुझे नहीं पता कि इस मामले का क्या नतीजा होगा। लेकिन मैं आशा करता हूं कि इस मामले की गहन जांच हो और दोषियों को सजा मिले। किसी भी महिला को इस तरह के व्यवहार का सामना नहीं करना चाहिए, खासकर खेल जैसी प्रतिस्पर्धी दुनिया में।
विनेश का फैसला एक स्वागत योग्य कदम है और यह अन्य महिलाओं को भी यौन उत्पीड़न के खिलाफ बोलने के लिए प्रेरित कर सकता है। यह मामला खेल जगत में सत्ता के दुरुपयोग और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई की भी याद दिलाता है।
मुझे उम्मीद है कि एक दिन आएगा जब हर महिला अपने सपनों को बिना किसी डर या बिना किसी बाधा के पूरा कर पाएगी।