विनेश फोगाट की सनसनीखेज अपील: क्या कुश्ती में भाई-भतीजावाद की हद?




कुश्ती की दुनिया में हाल ही में भारी उथल-पुथल मची हुई है, विनेश फोगाट की सनसनीखेज अपील पर बहस छिड़ गई है। इस साहसी पहलवान ने एक वीडियो जारी करके आरोप लगाया है कि भारत की कुश्ती संघ में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का बोलबाला है।

अपने भावनात्मक वीडियो में, विनेश ने दावा किया कि "राष्ट्रीय कोच मेरे और अन्य पहलवानों के प्रति पक्षपाती हैं। वे सिर्फ अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को मौके देते हैं, जो अक्सर उनके अपने परिवार के सदस्य या करीबी दोस्त होते हैं।"

  • विभिन्न दृष्टिकोण: विनेश के आरोपों ने कुश्ती समुदाय को दो विरोधी शिविरों में विभाजित कर दिया है। कुछ विनेश का समर्थन करते हुए उनके साहस की सराहना कर रहे हैं, जबकि अन्य उनके दावों को खारिज करते हुए उन्हें भारतीय कुश्ती को बदनाम करने वाला बता रहे हैं।

विनेश के समर्थक तर्क देते हैं कि उनका बयान कुश्ती में गहराई तक जड़ जमाए भाई-भतीजावाद और पक्षपात की एक दुखद वास्तविकता को उजागर करता है। वे इस तथ्य की ओर इशारा करते हैं कि राष्ट्रीय कोच अपने ही बेटे को टीम में शामिल करने के लिए लंबे समय से कुख्यात हैं।

एक पूर्व पहलवान ने गुमनाम रूप से कहा, "मैंने खुद देखा है कि कैसे प्रतिभाशाली पहलवानों को नजरअंदाज कर दिया जाता है क्योंकि वे कोच के चहेतों नहीं होते हैं। यह बिल्कुल गैर-जिम्मेदाराना और गलत है।"


दूसरी ओर, विनेश के विरोधी उनकी प्रेरणाओं पर सवाल उठा रहे हैं। उनका तर्क है कि विनेश अपनी नई पुस्तक का प्रचार करने या अपने स्वयं के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए बस ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रही हैं।

  • कठिन सत्य: चाहे विनेश के आरोपों में कितनी भी सच्चाई हो, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि भारतीय कुश्ती भाई-भतीजावाद की समस्या से ग्रस्त है। इस व्यवहार से खेल की अखंडता कमजोर होती है और योग्य प्रतिभाओं को उभरने से रोकता है।

यह स्पष्ट है कि कुश्ती संघ को विनेश के आरोपों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करानी चाहिए। यदि आरोप सत्य पाये जाते हैं, तो जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और खेल को साफ करने के उपाय किए जाने चाहिए।

विनेश की अपील ने भारतीय कुश्ती में एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ दी है। यह एक मौका है खेल को भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार के जाल से मुक्त करने का और यह सुनिश्चित करने का कि सबसे योग्य पहलवानों को प्रतिनिधित्व करने और सफल होने का मौका मिले।

केवल समय ही बताएगा कि विनेश की अपील का खेल पर दीर्घकालिक प्रभाव क्या होगा। लेकिन एक बात तो तय है: उन्होंने एक मुद्दे को उजागर किया है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, और भारतीय कुश्ती को भविष्य में बेहतर बनने के लिए इस पर गंभीरता से विचार करना होगा।