क्रिकेट के मैदान पर धूम मचाने वाले वैभव पंड्या का एक अलग ही पहलू है, जिससे शायद ही कोई वाकिफ हो। क्रिकेट के दीवाने इस युवा खिलाड़ी की बैटिंग से तो परिचित हैं, लेकिन उनकी लेखनी की दुनिया से आप शायद अनजान हों।
एक शब्द, दो दुनियावैभव पंड्या की दो दुनियाएं हैं- क्रिकेट और लेखन। मैदान पर छक्के-चौके बरसाने वाले इस बल्लेबाज की लेखनी भी उतनी ही तेज है। उनकी कलम से निकला हर शब्द दिल को छू लेता है। कभी बचपन की यादों को बयां करते हैं, तो कभी जिंदगी के अनुभवों को शेयर करते हैं।
बचपन की गेंद और कलमवैभव पंड्या का बचपन क्रिकेट और किताबों से भरा रहा। जहां एक तरफ मैदान पर वो गेंद का पीछा करते दिखते थे, वहीं मैदान से दूर उनकी दुनिया किताबों में बसती थी। उनकी रचनाएं उनके बचपन की यादों की झलक दिखाती हैं। गली-मोहल्ले के खेल, दोस्तों के साथ शरारतें, ये सभी उनके लेखन में जीवंत हो उठते हैं।
जिंदगी के अनुभवों का खजानाक्रिकेटर के तौर पर वैभव पंड्या ने कई सारे अनुभव किए हैं। देश-विदेश के मैदानों की सैर से लेकर बड़े-बड़े क्रिकेटर्स के साथ खेलने तक, उनकी जिंदगी किस्सों से भरी पड़ी है। इन अनुभवों को वो अपनी लेखनी में बखूबी उतारते हैं। उनकी रचनाएं जिंदगी के उतार-चढ़ाव, सफलता-असफलता की कहानियां सुनाती हैं।
हल्के-फुल्के अंदाज से गंभीर बातेंवैभव पंड्या की लेखनी की खासियत है हल्के-फुल्के अंदाज में गंभीर बातें कहना। उनकी रचनाएं पढ़ते हुए आप हंसते-हंसते सोचने पर मजबूर हो जाते हैं। सामाजिक मुद्दों से लेकर जीवन के मूल्यों तक, वो कई तरह के विषयों को अपनी लेखनी का विषय बनाते हैं।
अपने शब्दों में दुनिया देखनावैभव पंड्या की लेखनी उन्हें अपने शब्दों में दुनिया देखने का मौका देती है। उनके लेखों में उनकी अपनी भावनाएं, विचार और अनुभव झलकते हैं। उनकी लेखनी एक तरह से उन्हें खुद को और दुनिया को बेहतर तरीके से समझने का रास्ता दिखाती है।
एक अलग पहचानक्रिकेट के मैदान पर जहां वैभव पंड्या को अपने बल्ले से पहचाना जाता है, वहीं लेखन की दुनिया में उनकी एक अलग पहचान है। उनकी लेखनी उनके व्यक्तित्व का एक और आयाम है, जो उन्हें क्रिकेट के दायरे से बाहर भी खास बनाता है।