वीर धीर सूरन




हेलो मित्रों, आज हम बात करेंगे एक ऐसे वीर की जिसने अपने साहस और बुद्धि से अपने राज्य की रक्षा की। ये हैं वीर धीर सूरन।

धीर सूरन मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पैदा हुए थे। बचपन से ही ये बहुत बहादुर और चतुर थे। उनकी वीरता के किस्से दूर-दूर तक मशहूर थे।

एक बार की बात है, ग्वालियर पर मुगलों ने हमला किया। मुगलों की सेना बहुत बड़ी थी और उनके पास तोपखाने भी थे। ग्वालियर के राजा बहुत घबरा गए। उन्होंने धीर सूरन को बुलाया और मदद मांगी।

धीर सूरन ने राजा को आश्वासन दिया और युद्ध की तैयारी में जुट गए। उन्होंने एक चालाक योजना बनाई। उन्होंने अपनी सेना को छिपाया और मुगलों को शहर के बाहर ले गए।

धीर सूरन का छल

  • धीर सूरन ने मुगलों को बताया कि उनके पास बहुत बड़ी सेना है।
  • उन्होंने मुगलों को एक जंगल में ले जाकर घेर लिया।
  • उन्होंने जंगल में आग लगा दी, जिससे मुगलों को भागना पड़ा।

धीर सूरन की योजना कामयाब हो गई। मुगल बुरी तरह हार गए। ग्वालियर की रक्षा हो गई और धीर सूरन को वीर योद्धा का खिताब मिला।

धीर सूरन की वीरता और चतुराई के किस्से आज भी ग्वालियर के लोगों के बीच प्रचलित हैं। ये एक ऐसे वीर थे जिन्होंने अपनी बुद्धि और साहस से अपने राज्य की रक्षा की।

आज, वीर धीर सूरन को उनके साहस और वीरता के लिए याद किया जाता है। उनके नाम पर ग्वालियर में एक स्मारक बनाया गया है। वो हम सभी के लिए एक प्रेरणा हैं, जो हमें ये सिखाते हैं कि बुद्धि और साहस से हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।

एक कविता धीर सूरन की वीरता की

वीर धीर सूरन, ग्वालियर के शेर,
मुगलों से लड़े, बिना किसी डर।
चतुराई से बनाई योजना,
जीत हासिल की, ये वीरता का नमूना।
जंगल में लगी आग, मुगलों को भगाया,
ग्वालियर की रक्षा की, वीरता का डंका बजाया।
आज भी याद किए जाते हैं, वीर धीर सूरन के नाम,
साहस और बुद्धि के लिए, मशहूर हैं उनके काम।