हमारे जीवन में कुछ त्यौहार ऐसे होते हैं जो न केवल धार्मिक होते हैं, बल्कि सामाजिक भी होते हैं। वसुबारस ऐसे ही एक त्यौहार है। जानिए इस बार यह कब है और क्या है इसका महत्व।
वसुबारस का महत्ववसुबारस त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गाय और बछड़ों की पूजा की जाती है। माना जाता है कि गाय में 33 कोटि देवी-देवता वास करते हैं। इसलिए गाय को पूजने से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
वसुबारस 2024 में 28 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:14 से 8:53 बजे तक रहेगा।
वसुबारस की पूजा विधिवसुबारस की पूजा विधि इस प्रकार है:
वसुबारस के बारे में एक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में एक गरीब ब्राह्मण था। उसे गाय बहुत पसंद थी। एक बार उसकी गाय आंधी में बह गई। ब्राह्मण ने बहुत खोजा लेकिन गाय का पता नहीं चला।
ब्राह्मण ने वसुबारस का व्रत किया और गाय को ढूंढने के लिए निकल पड़ा। रास्ते में उसे एक नदी दिखाई दी। नदी के उस पार उसकी गाय खड़ी थी। लेकिन नदी में बाढ़ आ गई थी और ब्राह्मण नदी पार नहीं कर पा रहा था।
ब्राह्मण ने गाय को पुकारा। गाय ने ब्राह्मण की आवाज सुनकर नदी में छलांग लगा दी और तैरकर ब्राह्मण के पास आ गई। ब्राह्मण को बहुत खुशी हुई और उसने वसुबारस का व्रत पूरे विधि-विधान से किया।
तभी से वसुबारस का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन गाय और बछड़ों की पूजा की जाती है और उनसे सुख-समृद्धि की कामना की जाती है।