वाहनों में इग्निशन सिस्टम से जुड़ी समस्याएँ और समाधान
आपकी कार का इग्निशन सिस्टम एक जटिल और आवश्यक प्रणाली है जो आपके इंजन को चालू करती है और उसे चलाती रहती है। जब आप अपनी कार की चाबी घुमाते हैं, तो इग्निशन सिस्टम बैटरी से बिजली खींचता है और इसे स्पार्क प्लग तक भेजता है। स्पार्क प्लग फिर ईंधन और हवा के मिश्रण को प्रज्वलित करते हैं, जिससे आपकी कार का इंजन चालू हो जाता है।
हालाँकि, इग्निशन सिस्टम में कई तरह की समस्याएँ हो सकती हैं जो आपकी कार को स्टार्ट होने या ठीक से चलने से रोक सकती हैं। यहाँ कुछ सामान्य इग्निशन समस्याएँ हैं जिनका सामना आप कर सकते हैं और उन्हें कैसे ठीक किया जाए।
* स्पार्क प्लग: स्पार्क प्लग इग्निशन सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यदि स्पार्क प्लग खराब या गंदे हैं, तो वे ठीक से स्पार्क नहीं बना पाएंगे और आपकी कार स्टार्ट नहीं होगी। स्पार्क प्लग को हर 30,000 से 60,000 मील पर बदला जाना चाहिए।
* स्पार्क प्लग वायर्स: स्पार्क प्लग वायर्स स्पार्क प्लग को इग्निशन कॉइल से जोड़ते हैं। यदि स्पार्क प्लग वायर्स खराब या क्षतिग्रस्त हैं, तो वे स्पार्क प्लग तक बिजली नहीं पहुंचा पाएंगे और आपकी कार स्टार्ट नहीं होगी। स्पार्क प्लग वायर्स को हर 60,000 से 100,000 मील पर बदला जाना चाहिए।
* इग्निशन कॉइल: इग्निशन कॉइल एक ट्रांसफार्मर है जो बैटरी से बिजली को उच्च-वोल्टेज बिजली में बदलता है। यदि इग्निशन कॉइल खराब है, तो यह स्पार्क प्लग तक पर्याप्त बिजली नहीं पहुंचा पाएगा और आपकी कार स्टार्ट नहीं होगी। इग्निशन कॉइल को हर 100,000 से 150,000 मील पर बदला जाना चाहिए।
* इग्निशन स्विच: इग्निशन स्विच एक स्विच है जो बैटरी से बिजली को इग्निशन सिस्टम में भेजता है। यदि इग्निशन स्विच खराब है, तो यह बिजली को इग्निशन सिस्टम में नहीं भेज पाएगा और आपकी कार स्टार्ट नहीं होगी। इग्निशन स्विच को हर 200,000 से 300,000 मील पर बदला जाना चाहिए।
* इग्निशन मॉड्यूल: इग्निशन मॉड्यूल एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो इग्निशन सिस्टम को नियंत्रित करता है। यदि इग्निशन मॉड्यूल खराब है, तो यह इग्निशन सिस्टम को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पाएगा और आपकी कार स्टार्ट नहीं होगी। इग्निशन मॉड्यूल को हर 150,000 से