वishu, एक त्योहार जो खुशियों और रंगों का प्रतीक है, 14 अप्रैल, 2024 को मनाया जाएगा। यह उत्सव न केवल केरल में बल्कि पूरे भारत में मनाया जाता है, जो सकारात्मकता, नए सिरे से शुरुआत और प्रकृति के जागरण को दर्शाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु अपने वामन अवतार में बाणासुर को पराजित करने के बाद पृथ्वी पर उतरे थे। उनकी वापसी इस त्योहार के समारोह से जुड़ी है, जो उनकी जीत और नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।
वishu को कई पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है, जो विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न हो सकते हैं।
वishu एक ऐसा त्यौहार है जो खुशियाँ और उत्साह लाता है। लोग नए कपड़े पहनते हैं, अपने घरों को सजाते हैं और अपने प्रियजनों के साथ मिलकर इस खास दिन का आनंद लेते हैं।
इस पर्व पर पारंपरिक व्यंजन जैसे ओणम सद्या, पुलीसाड़ी, अवियल और पायसम बनाए जाते हैं। परिवार और दोस्त मिलकर इन स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हैं, जो उत्सव के माहौल को और बढ़ाते हैं।
वishu केवल एक त्यौहार नहीं है, बल्कि यह जीवन के नवीनीकरण और विकास का प्रतीक भी है। यह प्रकृति के जागरण और वसंत के आगमन का समय है। इस दिन लोग नई शुरुआत करते हैं, पुरानी आदतों को छोड़ते हैं और सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प लेते हैं।
वishu की भावना आशावाद, उल्लास और सकारात्मकता है। यह उत्सव हमारे जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह लाता है। यह हमें अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।
इसलिए, आइए हम 14 अप्रैल, 2024 को विशु को पूरे उत्साह और खुशी के साथ मनाएं। अपने प्रियजनों के साथ समय बिताएं, पारंपरिक रीति-रिवाजों का आनंद लें और प्रकृति के जादुई स्पर्श का गवाह बनें।
वishu की हार्दिक शुभकामनाएं!