हर किसी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। कई बार हम ऊंचाइयों पर होते हैं तो कई बार गहरे गड्ढों में गिर जाते हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि हम हिम्मत न हारें और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें। शोएब बशीर की कहानी हम सबके लिए एक प्रेरणा है।
शोएब बशीर का जन्म श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता एक मजदूर थे और उनकी माँ एक गृहिणी। शोएब के घर में खाने-पीने की भी कमी थी। ऐसे हालात में पढ़ाई करना बहुत मुश्किल था।
लेकिन शोएब ने हार नहीं मानी। वह रोज़ाना स्कूल जाते थे और देर रात तक पढ़ाई करते थे। उनके शिक्षकों ने भी उनका बहुत साथ दिया। शोएब ने अपनी मेहनत और लगन से 12वीं की परीक्षा में पूरे राज्य में टॉप किया।
इसके बाद, शोएब ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दिल्ली के एक प्रसिद्ध कॉलेज में एडमिशन लिया। कॉलेज में भी उन्होंने अपनी प्रतिभा और मेहनत से सबसे अलग पहचान बनाई। वह अपने बैच के टॉपर रहे और कई पुरस्कार जीते।
कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद, शोएब को एक बड़ी आईटी कंपनी में नौकरी मिल गई। यहाँ भी उन्होंने अपने काम से सभी को प्रभावित किया। कुछ ही सालों में, वह कंपनी के सबसे सफल कर्मचारियों में से एक बन गए।
लेकिन शोएब का सफर यहीं नहीं रुका। उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर अपना खुद का स्टार्टअप शुरू किया। उनकी कंपनी बहुत ही कम समय में सफल हो गई। आज शोएब बशीर एक सफल उद्यमी और करोड़पति हैं।
शोएब बशीर की कहानी हमें कई जीवन की शिक्षाएं देती है।
शोएब बशीर की कहानी हमें यह भी बताती है कि अगर हम सपने देखते हैं और उनके लिए ईमानदारी से मेहनत करते हैं, तो हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं। इसलिए, अपने सपनों को कभी मत छोड़ो। उन्हें पूरा करने के लिए आज से ही मेहनत करना शुरू कर दो।