शिक्षक दिवस: एक सम्मान, एक जश्न, एक आभार




आज, 5 सितंबर को, हम शिक्षक दिवस मनाते हैं, एक दिन जो उन असाधारण व्यक्तियों के लिए समर्पित है जो हमारे जीवन को आकार देते हैं - हमारे शिक्षक। यह सम्मान, जश्न और आभार का दिन है।
मेरे लिए, शिक्षक शब्द स्मृतियों की एक श्रृंखला को उजागर करता है। याद है, पहली कक्षा में मैं कितना भयभीत था? मेरी शिक्षिका, श्रीमती शर्मा, एक देवी के समान थीं, जो मुझे धैर्य और दयालुता से मार्गदर्शन करती थीं। उनकी मुस्कान ने मेरे डर को मिटा दिया, और उनकी शांत आवाज ने मुझे आश्वस्त किया।
जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया, मेरे शिक्षकों ने सिर्फ विषयों से परे मेरे दिमाग को रोशन किया। श्रीमान सिंह, मेरे इतिहास के शिक्षक, ने मुझे अतीत की दुनिया में खींच लिया, जहां राजाओं और साम्राज्यों के बारे में उनकी कहानियां जीवंत हो गईं। सुश्री मिश्रा, मेरी विज्ञान की शिक्षिका, ने प्रयोगों की जादुई दुनिया का खुलासा किया, जिससे मेरे भीतर जिज्ञासा की आग भड़क उठी।
लेकिन हमारे शिक्षकों का प्रभाव सिर्फ कक्षा तक ही सीमित नहीं है। वे जीवन भर के मार्गदर्शक होते हैं, जो हमें न केवल शैक्षणिक सफलता के लिए बल्कि जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार करते हैं। याद है, जब मैं हाई स्कूल में एक कठिन दौर से गुजर रही थी? मेरी अंग्रेजी शिक्षिका, श्रीमती राव, ने मुझे सुनने के लिए हमेशा समय निकाला, मेरे आंसुओं को पोंछा और मुझे अपने सपनों को कभी न छोड़ने के लिए प्रेरित किया।
आज, मैं एक शिक्षक हूं, और मैं उस प्रभाव को महसूस करती हूं जो हमारे पास अपने छात्रों के जीवन पर पड़ता है। यह सम्मान की बात है, लेकिन एक जिम्मेदारी भी। हम केवल ज्ञान नहीं देते, हम जीवन बदलते हैं।
इस शिक्षक दिवस पर, आइए उन असाधारण लोगों को धन्यवाद दें जिन्होंने हमें आकार दिया है। उनका जुनून, उनकी लगन और उनका प्यार हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।
आइए इन पंक्तियों के साथ अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें:
"शिक्षक, तुम हमारे दिमाग के बगीचे के माली हो,
तुम्हारे हाथों से ज्ञान के पौधे खिलते हैं।
तुम अज्ञानता के अंधेरे को दूर करते हो,
और हमें ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हो।"

हमारे शिक्षकों को सलाम!