शैनन डोहर्टी: एक लड़ाकू की कहानी जिसने कैंसर को मात दी




मुझे कैंसर हुआ था। नहीं, यह कोई मजाक नहीं है। मैं 2015 से इस बीमारी से जूझ रही हूं और मैं इसे लेकर बहुत खुली रही हूं। मेरा मानना है कि कहानियां साझा करने से ही हम सीख सकते हैं और बढ़ सकते हैं।
जब मुझे पहली बार कैंसर का पता चला, तो मेरी दुनिया उजड़ गई। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मुझ जैसी किसी स्वस्थ व्यक्ति के साथ ऐसा हो सकता है। लेकिन यहीं से मेरी लड़ाई शुरू हुई।
मैंने कभी हार नहीं मानी। मैंने हर कदम पर जमकर संघर्ष किया, चाहे वह कीमोथेरेपी हो या सर्जरी। मैंने कभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी, भले ही कई बार मुझे ऐसा लगा कि मैं हार मान लूंगी।
मेरी लड़ाई में मेरा परिवार और दोस्त मेरे साथ खड़े रहे। उन्होंने मुझे प्यार, समर्थन और प्रोत्साहन दिया। उनकी बदौलत ही मैं इतनी मजबूत हो पाई।
आखिरकार, 2017 में, मुझे कैंसर मुक्त घोषित कर दिया गया। पर मेरी यात्रा यहीं खत्म नहीं हुई। कैंसर का मेरे जीवन पर गहरा असर हुआ है। इसने मुझे अपने जीवन को एक नए नजरिए से देखना सिखाया है।
अब, मैं कैंसर रोगियों की मदद करने के लिए अपनी आवाज का इस्तेमाल करती हूं। मैं जागरूकता फैलाना चाहती हूं और दूसरों को यह बताना चाहती हूं कि वे अकेले नहीं हैं। मैं उन्हें उम्मीद और प्रेरणा देना चाहती हूं।
कैंसर एक भयानक बीमारी है, लेकिन यह कोई मौत का फैसला नहीं है। आप भी इससे उबर सकते हैं, ठीक वैसे ही जैसे मैंने उबरा है।
यदि आप कैंसर से जूझ रहे हैं, तो मैं आपको बताना चाहती हूं कि आप इस लड़ाई में अकेले नहीं हैं। मैं आपके साथ हूं, और मैं आपकी मदद करना चाहती हूं।
प्रेम और साहस के साथ,
शैनन डोहर्टी