श्याम रंगीला
एक सुबह, जब मैं पक्षियों की चहचहाहट से जागा, तो मुझे एहसास हुआ कि जीवन कितना खूबसूरत है। सूरज की किरणें मेरे कमरे में झाँक रही थीं, जैसे वह मुझे एक नए दिन की शुरुआत का वादा कर रही हों।
मैंने उठकर अपनी खिड़की खोली और बाहर देखा। आकाश इतना साफ और नीला था, जैसे वह एक विशाल सागर हो। हवा में फूलों की मीठी खुशबू तैर रही थी। मैंने एक गहरी साँस ली, और उस पल मुझे ऐसा लगा कि मैं दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान हूँ।
मुझे हमेशा से ही सूर्योदय देखना पसंद रहा है। यह मुझे नई शुरुआत की उम्मीद देता है। यह मुझे याद दिलाता है कि हर दिन एक नया मौका है, नए सपने देखने और उन्हें पूरा करने का।
एक बार, मैं पहाड़ों पर था। मैं सुबह जल्दी उठा और सूर्योदय देखने के लिए पहाड़ी की चोटी पर चढ़ गया। जब मैंने ऊपर देखा, तो मैंने देखा कि आकाश रंगों से भरा हुआ है। लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, इंडिगो और बैंगनी। यह ऐसा था जैसे प्रकृति ने अपनी सबसे खूबसूरत पेंटिंग बनाई हो।
मैं घंटों तक वहीं खड़ा रहा, सूर्योदय को निहारता रहा। मैं मंत्रमुग्ध था। मुझे ऐसा लगा जैसे मैं एक अलग ही दुनिया में हूँ। एक ऐसी दुनिया जहाँ सब कुछ संभव है।
मैं जानता हूँ कि हर कोई सूर्योदय का आनंद नहीं ले सकता। कुछ लोगों को जल्दी उठना पड़ता है और काम पर जाना पड़ता है। लेकिन अगर आप कभी भी सूर्योदय देखने का मौका पाएँ, तो मेरी सलाह है कि आप इसे ज़रूर लें। यह एक ऐसा अनुभव है जिसे आप कभी नहीं भूलेंगे।
सूर्योदय सिर्फ एक घटना नहीं है। यह एक प्रतीक है। यह नई शुरुआत का प्रतीक है, आशा का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि भले ही कल क्या हुआ हो, आज हमेशा एक नई शुरुआत है।
तो अगली बार जब आप सूर्योदय देखें, तो एक पल के लिए रुकें और इसकी सुंदरता का आनंद लें। अपनी सभी चिंताओं और परेशानियों को भूल जाइए और बस उस पल में जिएं। आप पाएंगे कि जीवन वास्तव में कितना खूबसूरत है।
श्याम रंगीला