शरद पूर्णिमा कब है?




शरद पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह आश्विन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर अक्टूबर में आता है। इस साल, शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर, 2023 को मनाई जाएगी।

शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है "जागने की रात"। यह रात भर चलने वाले उत्सवों और पूजा का समय है। इस दिन, लोग भगवान चंद्रमा की पूजा करते हैं और उनकी आशीर्वाद की कामना करते हैं।

शरद पूर्णिमा का दिन भी नई फसल की कटाई शुरू करने का प्रतीक है। यह धन्यवाद और खुशी का समय है, और लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर जश्न मनाते हैं।

शरद पूर्णिमा का महत्व

शरद पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने राधा रानी से प्रेम की घोषणा की थी। यह प्रेम और भक्ति का त्योहार है।

इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है, और उसकी किरणें उपचारात्मक मानी जाती हैं। लोग शरद पूर्णिमा की रात में चांदनी में नहाते हैं और उससे अपनी बीमारियों और परेशानियों को दूर करने की कामना करते हैं।

शरद पूर्णिमा की परंपराएं

शरद पूर्णिमा से जुड़ी कई परंपराएं हैं। इनमें शामिल हैं:

  • भगवान चंद्रमा की पूजा: लोग इस दिन भगवान चंद्रमा की पूजा करते हैं और उन्हें खीर, फल और फूल चढ़ाते हैं।
  • रात भर जागना: शरद पूर्णिमा के दिन लोग रात भर जागते हैं और पूजा करते हैं। यह माना जाता है कि इस रात जागने से व्यक्ति को पुण्य मिलता है और उसके पापों का नाश होता है।
  • खीर बनाना: शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाना एक परंपरा है। यह माना जाता है कि इस दिन खीर खाने से व्यक्ति को दीर्घायु और समृद्धि प्राप्त होती है।
  • चंद्रमा में नहाना: इस दिन लोग चंद्रमा की किरणों में नहाते हैं। यह माना जाता है कि इससे व्यक्ति को चंद्रमा की दिव्य ऊर्जा प्राप्त होती है।

शरद पूर्णिमा का संदेश

शरद पूर्णिमा प्रेम, भक्ति और खुशी का त्योहार है। यह हमें अपने प्रियजनों के साथ मिलकर जीवन का जश्न मनाने और ईश्वर को धन्यवाद देने का अवसर देता है। यह त्योहार हमें यह भी याद दिलाता है कि हम सभी एक ही ब्रह्मांड का हिस्सा हैं और हमें एक-दूसरे के साथ प्रेम और करुणा के साथ व्यवहार करना चाहिए।