हे गणेश, आप विघ्नों का नाश करने वाले और मंगल के कारक हैं। आपका विशाल पेट और हाथी जैसा चेहरा है, और आप बुद्धि और ज्ञान के भंडार हैं। आप जगत के पालनहार हैं और सभी प्रकार के मंगल का स्रोत हैं।
आप एक चूहे की सवारी करते हैं, आपके सिर पर एक सुंदर चंद्रमा है, और आप फूलों की माला पहने हुए हैं। आपके हाथों में एक अंकुश, पाश और दांत हैं, और आपका प्रिय भोजन मोदक है।
हे विघ्नहर्ता, आप हमेशा मेरे साथ रहें। सभी संकटों और विपत्तियों को दूर करें। आप ज्ञान, बुद्धि और ज्ञान के भंडार हैं। मुझे ज्ञान दो और मेरा उद्धार करो।
आप माता पार्वती के पुत्र और पिता महादेव हैं। सुर और असुर दोनों आपकी पूजा करते हैं, और आप हर जगह विराजमान हैं। मुझे भी सिद्धि और बुद्धि दो। हे त्रिलोकीनाथ, भक्तों के दुख दूर करो।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। आपकी कृपा से, सभी दुख दूर हो जाते हैं। इस चालीसा का पाठ करने से मनोवांछित फल मिलता है। हे विघ्नहर्ता, सबका कल्याण करो।