शिवराज सिंह चौहान: मध्य प्रदेश के 'विकास पुरुष'
प्रस्तावना
शिवराज सिंह चौहान का नाम मध्य प्रदेश के विकास की कहानी के साथ जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री के रूप में उनके चार कार्यकालों ने राज्य को एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था से एक औद्योगिक और पर्यटन केंद्र में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक कैरियर
शिवराज सिंह चौहान का जन्म 15 मार्च 1959 को मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के जमुनिया गांव में हुआ था। राजनीति में प्रवेश करने से पहले उन्होंने ज्योतिष और विधि का अध्ययन किया। 1990 में, वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए और जल्द ही प्रदेश भाजपा के संगठन सचिव बन गए।
मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल
2005 में, चौहान को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री चुना गया। उन्होंने 13 वर्षों तक इस पद पर कार्य किया, जिससे वह राज्य के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री बन गए। उनके नेतृत्व में, मध्य प्रदेश ने कई विकासात्मक उपलब्धियाँ हासिल कीं, जिनमें शामिल हैं:
* कृषि में सुधार: चौहान ने "कृषि क्रांति" कार्यक्रम शुरू किया, जिससे राज्य को कृषि में एक अग्रणी बना दिया गया। उन्होंने फसल बीमा, सिंचाई परियोजनाओं और कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना को बढ़ावा दिया।
* औद्योगिक विकास: उन्होंने राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए कई औद्योगिक पार्कों और विशेष आर्थिक क्षेत्रों की स्थापना की। उन्होंने ऑटोमोबाइल, आईटी और कपड़ा उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिया।
* पर्यटन को बढ़ावा देना: चौहान ने खजुराहो, उदयगिरि और सतपुड़ा की गुफाओं जैसे मध्य प्रदेश के समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया।
* शिक्षा में सुधार: उन्होंने कई स्कूलों और कॉलेजों की स्थापना की, शिक्षकों की भर्ती में सुधार किया और कौशल विकास कार्यक्रमों को शुरू किया।
व्यक्तिगत गुण और नेतृत्व शैली
चौहान अपने ऊर्जा और उत्साह के लिए जाने जाते हैं। वह एक कुशल संचारक हैं और लोगों से जुड़ना जानते हैं। उनकी नेतृत्व शैली को निर्णायक और दूरदर्शी के रूप में वर्णित किया गया है।
विवाद और चुनौतियाँ
किसी भी राजनेता की तरह, चौहान भी विवादों से नहीं बच पाये हैं। उन पर माफिया से संबंध रखने और भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। हालाँकि, उन्होंने हमेशा इन आरोपों का खंडन किया है।
वर्तमान भूमिका और विरासत
2018 में मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद, चौहान राज्यसभा के सदस्य बने हैं। वह भाजपा में एक वरिष्ठ नेता बने हुए हैं और राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय हैं।
मध्य प्रदेश के इतिहास में चौहान की विरासत लंबे समय तक याद रखी जाएगी। उन्हें राज्य के विकास और परिवर्तन के प्रमुख वास्तुकारों में से एक के रूप में देखा जाता है। उनकी उपलब्धियों ने मध्य प्रदेश को भारत के सबसे प्रगतिशील राज्यों में से एक बना दिया है।