शशि थरूर: एक विद्वान और भारतीय राजनीति की एक आवाज




शशि थरूर एक भारतीय राजनेता, लेखक और पूर्व संयुक्त राष्ट्र राजनयिक हैं। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य हैं और वर्तमान में तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

थरूर का जन्म 9 मार्च, 1956 को लंदन में हुआ था। उनके पिता चंद्रन थरूर भारतीय विदेश सेवा में अधिकारी थे और उनकी माँ सूरया थरूर एक शिक्षिका थीं। थरूर ने बॉम्बे के सेंट मैरीज़ स्कूल और कलकत्ता के सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ाई की। उन्होंने द फ्लेचर स्कूल ऑफ लॉ एंड डिप्लोमेसी से अंतर्राष्ट्रीय संबंध और कानून में मास्टर डिग्री प्राप्त की।

राजनीतिक कैरियर

थरूर ने 2009 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। वह 2009 और 2014 में लगातार तीन बार तिरुवनंतपुरम से लोकसभा के लिए चुने गए। उन्होंने प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में विदेश राज्य मंत्री और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।

    थरूर की राजनीतिक उपलब्धियों में शामिल हैं:
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अभियान
  • सूचना का अधिकार अधिनियम का प्रचार
  • शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए पहल
साहित्यिक कैरियर

थरूर एक प्रसिद्ध लेखक भी हैं। उन्होंने 19 उपन्यास, गैर-काल्पनिक पुस्तकें और आत्मकथाएँ लिखी हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृतियों में "द ग्रेट इंडियन नॉवेल", "इंडिया: फ्रॉम मिडनाइट टू द मिलियनियम" और "ए नेशन ऑफ स्टोरीटेलर्स" शामिल हैं।

व्यक्तिगत जीवन

थरूर की शादी पेशे से पत्रकार सुनंदा पुष्कर से हुई थी, जिनकी 2014 में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। उनकी एक बेटी है, कांता।

विवाद और आलोचना

थरूर एक विवादास्पद व्यक्ति हैं और उनकी कुछ टिप्पणियों और कार्यों के लिए उनकी आलोचना की गई है। हालाँकि, वह अपनी बुद्धि, वक्तृत्व कौशल और भारतीय राजनीति में एक ताज़ा आवाज़ के रूप में भी जाने जाते हैं।

भविष्य की योजनाएँ

थरूर वर्तमान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। वह 2024 के लोकसभा चुनावों में फिर से चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने प्रधान मंत्री पद के लिए भी अपनी आकांक्षा व्यक्त की है।

शशि थरूर एक बहुआयामी और प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं। वह एक विद्वान, एक राजनेता, एक लेखक और एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनकी बुद्धि, वक्तृत्व कौशल और भारतीय राजनीति में एक ताज़ा आवाज़ के रूप में योगदान की प्रशंसा की जाती है।