सऊदी अरब के महाराजा सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल-सऊद




सऊदी अरब के वर्तमान शासक राजा सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल-सऊद एक विवादस्पद व्यक्ति हैं जिनकी अपने शासनकाल में मिश्रित विरासत रही है। कई लोग उनकी आर्थिक और सामाजिक सुधारों के लिए उनकी प्रशंसा करते हैं, जबकि अन्य उनकी मानवाधिकारों की स्थिति और विदेश नीति में आक्रामकता के लिए आलोचना करते हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

सलमान का जन्म 1935 में रियाद में हुआ था। वह सऊदी अरब के संस्थापक राजा अब्दुलअज़ीज़ अल-सऊद के 25वें पुत्र हैं। उन्होंने रियाद के प्रिंस स्कूल में शिक्षा प्राप्त की, जहाँ उन्होंने इस्लामी अध्ययन और अरबी भाषा का अध्ययन किया।

राजनीतिक करियर

1954 में, सलमान को अपने पिता द्वारा रियाद का गवर्नर नियुक्त किया गया था। उन्होंने 1963 तक इस पद पर कार्य किया, जब उन्हें क्राउन प्रिंस फहद के राजनीतिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया। 2012 में, सलमान को क्राउन प्रिंस नियुक्त किया गया था, और 2015 में, वह अपने भाई राजा अब्दुल्ला की मृत्यु के बाद राजा बने।

आर्थिक और सामाजिक सुधार

राजा सलमान के शासनकाल में कई आर्थिक और सामाजिक सुधार हुए हैं। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों को बढ़ाने, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में सुधार करने और आर्थिक विविधीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विजन 2030 नामक एक योजना शुरू की। इन सुधारों की व्यापक रूप से स्वागत किया गया है, लेकिन उनकी आलोचना भी की गई है क्योंकि वे धीरे-धीरे लागू किए जा रहे हैं।

मानवाधिकार

सऊदी अरब के मानवाधिकार रिकॉर्ड की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना की गई है। राजा सलमान ने मानवाधिकारों की स्थिति में सुधार करने के कुछ वादे किए हैं, लेकिन आलोचकों का तर्क है कि ये वादे पर्याप्त नहीं हैं और सरकार को अभी भी पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और अन्य असंतुष्टों पर दमन रोकने की जरूरत है।

विदेश नीति

विदेश नीति में राजा सलमान आक्रामक रहे हैं। उन्होंने यमन में सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन का समर्थन किया, जिस पर नागरिकों को निशाना बनाने और मानवीय संकट का कारण बनने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने ईरान के खिलाफ भी कड़ा रुख अपनाया है और कतर के साथ राजनयिक संकट में शामिल रहे हैं।

विवाद

राजा सलमान कई विवादों में शामिल रहे हैं। कुछ लोगों ने उनके बेटे मोहम्मद बिन सलमान को क्राउन प्रिंस के रूप में नियुक्त करने के फैसले की आलोचना की है, जिन पर मानवाधिकारों के उल्लंघन की निगरानी करने का आरोप लगाया गया है। राजा सलमान के अपने खर्च की शैली और विदेशी यात्राओं की लागत के लिए भी उनकी आलोचना की गई है।

विरासत

राजा सलमान की विरासत बहस का विषय बनी हुई है। कुछ लोगों का तर्क है कि वह एक प्रगतिशील सुधारक थे जिन्होंने सऊदी अरब को आधुनिक बनाने की कोशिश की, जबकि अन्य का तर्क है कि वह एक निरंकुश शासक थे जिन्होंने लोकतंत्र और मानवाधिकारों को दबा दिया। इतिहास अंततः तय करेगा कि उन्हें कैसे याद किया जाएगा।