मुंबई की राजनीति का चेहरा बदलने वाले एक शख्स हैं संजय निरुपम। अपनी बेबाक और विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं इन्हें मुंबई के 'फायरब्रांड नेता' के नाम से भी जाना जाता है।
युवाओं के बीच लोकप्रिय
शिवसेना से कांग्रेस
संजय निरुपम का राजनीतिक सफर शिवसेना से शुरू हुआ।
वह शिवसेना के युवा नेता के तौर पर उभरे, लेकिन पार्टी में विचारों के मतभेद के चलते उन्होंने 2012 में शिवसेना छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया।
कांग्रेस में उतार-चढ़ाव भरा सफर
कांग्रेस में संजय का सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहते हुए भी वह पार्टी के आलाकमान से टकराते रहे।
अब हैं निर्दलीय
कांग्रेस से निष्कासित होने के बाद संजय ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा। हालांकि, वे चुनाव हार गए।
विवादों से रहा है नाता
संजय निरुपम हमेशा से विवादों का हिस्सा रहे हैं।
खुद को मानते हैं 'आवाम का सेवक'
विवादों के बावजूद संजय निरुपम खुद को 'आवाम का सेवक' मानते हैं। उनका कहना है कि वह हमेशा जनता की आवाज उठाते रहेंगे।
राजनीति में भविष्य
संजय निरुपम के राजनीतिक भविष्य पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। वह अपने भविष्य के फैसलों के बारे में अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं।
लेकिन इतना तय है कि मुंबई की राजनीति में वह अभी से एक बड़ी ताकत बनकर उभर चुके हैं। उनकी बेबाकी और मुद्दों पर खरी-खरी बात करना उन्हें हमेशा ही सुर्खियों में लाता रहेगा।