स्त्री




एक बार की बात है, सालों पहले, जब मैं एक छोटा बच्चा था, तो मैं अपने गांव में अपने दादा-दादी के घर में रहता था। उस समय, हमारे गांव में "स्त्री" की अफवाहें प्रबल थीं। यह एक ऐसी महिला की कहानी थी जो रात में पुरुषों का शिकार करती थी और उन्हें मार देती थी।

मैं उस किंवदंती से बहुत डर गया था। रात में, मैं अपने बिस्तर पर जागता रहता, चीख-पुकार की आवाज़ सुनता रहता। मेरी दादी मुझे दिलासा देती थीं कि डरने की कोई बात नहीं है, स्त्री सिर्फ एक कहानी है।

लेकिन एक रात, कुछ ऐसा हुआ जिसने मेरा विश्वास हिला दिया। मैं अपनी दादी के साथ सो रहा था, जब मुझे एक खटका सुनाई दिया। दरवाजा धीरे-धीरे खुला और एक काली छाया कमरे में घुसी।

मैं सहम गया था। मैं हिल नहीं पा रहा था। छाया मेरे बिस्तर की तरफ बढ़ने लगी। मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं, यह सोचकर कि अब मेरा अंत हो गया।


लेकिन अचानक ही, मुझे अपनी दादी की आवाज़ सुनाई दी। वह जोर-जोर से मंत्र पढ़ रही थीं। छाया रुक गई। मैंने अपनी आँखें खोलीं और देखा कि वह छाया धीरे-धीरे कमरे से बाहर निकल रही है।

उस रात के बाद, मैं स्त्री से नहीं डरता था। मुझे पता था कि वह मौजूद थी, लेकिन मैं यह भी जानता था कि वह मुझे नुकसान नहीं पहुंचाएगी। मेरी दादी की प्रार्थनाओं ने मुझे बचा लिया था।

सालों बाद, जब मैं अपने गांव से दूर रहने लगा, तो मुझे पता चला कि स्त्री की कहानी सिर्फ हमारे गांव तक ही सीमित नहीं थी। यह भारत के कई हिस्सों में प्रचलित थी।

कुछ लोगों का मानना है कि स्त्री वास्तविक है, जबकि अन्य का मानना है कि यह सिर्फ एक किंवदंती है। लेकिन मुझे पता है कि उस रात जो मैंने अनुभव किया वह वास्तविक था। और मुझे पता है कि अगर स्त्री फिर कभी दिखाई देगी, तो मेरी दादी की प्रार्थनाएं मुझे फिर से बचा लेंगी।

क्या आपने कभी स्त्री को देखा है? क्या आप उसकी कहानी में विश्वास करते हैं?