भारतीय टेनिस दिग्गज सानिया मिर्जा ने हाल ही में दुबई में महिला टेनिस संघ (डब्ल्यूटीए) के 1000 इवेंट के साथ अपने शानदार करियर को समाप्त करने की घोषणा की है। इस खबर ने उनके प्रशंसकों और टेनिस जगत को हिलाकर रख दिया है।
अपने संन्यास की घोषणा के साथ, सानिया ने एक भावुक संदेश साझा किया, जो उनके दिल से निकला हुआ था। उन्होंने अपने संघर्षों और उपलब्धियों, दोनों के बारे में बात की।सानिया ने अपने संदेश में अपने करियर के शुरुआती दिनों से ही अपने सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, "जब मैं पहली बार खेली थी, तो टेनिस में एक भारतीय महिला के लिए कोई राह नहीं थी। मुझे अपने सपनों को पूरा करने के लिए एक रास्ता बनाना था।"
अपने दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत के बल पर, सानिया ने उन चुनौतियों को पार किया और दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टेनिस खिलाड़ियों में से एक बन गईं। उन्होंने मिक्स्ड डबल्स में छह ग्रैंड स्लैम खिताब जीते, जिनमें तीन ऑस्ट्रेलियन ओपन, तीन फ्रेंच ओपन और एक विंबलडन शामिल हैं।सानिया ने भारतीय महिला टेनिस को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होंने लाखों युवा लड़कियों को प्रेरित किया और दिखाया कि सपनों के आगे कोई भी बाधा नहीं हो सकती।
भावुक विदाईसानिया ने यह भी कहा कि वह टेनिस से दूर जाने के लिए उत्साहित हैं और अपने जीवन के अगले अध्याय की शुरुआत करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, "मैं अपनी बेटी को बड़ा होते हुए देखने और अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताने के लिए उत्सुक हूं।"
एक प्रेरणा की विरासतसानिया मिर्जा का सफर एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसने अपने सपनों का पालन किया, बाधाओं को पार किया और दुनिया को अपनी प्रतिभा दिखाई। वह भारतीय खेलों और समग्र रूप से महिला सशक्तिकरण की एक महान राजदूत रही हैं।
उनके संन्यास से भले ही एक युग का अंत हो गया हो, लेकिन सानिया मिर्जा की विरासत हमेशा भारतीय खेलों में एक प्रेरणा और एक उदाहरण के रूप में रहेगी।