कल्पना कीजिए कि आप अंधेरे की दुनिया में रहते हैं, जहां एक छोटी सी रोशनी भी आपको चमकदार सितारे की तरह दिखती है।
एक अंधेरे में रहने वाले के लिए रोशनी क्या है?
पायल कपाड़िया की फिल्म "ऑल वी इमेजिन अस लाइट" ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी बताती है। एक ऐसे व्यक्ति की कहानी जो अंधेरे में रहता है लेकिन रोशनी की तलाश करता है।
फिल्म लैला नाम की एक युवती की कहानी कहती है, जो एक नेत्रहीन है। लैला अंधेरे की दुनिया में रहती है, लेकिन वह एक दिन रोशनी की तलाश करती है। वह एक ऐसी दुनिया की तलाश करती है जहां वह देख सके, जहां वह दुनिया को वैसा ही देख सके जैसा हम देखते हैं।
लैला की यात्रा एक प्रेरणादायक यात्रा है। यह हमें दिखाती है कि कैसे हमारी इंद्रियां हमें परिभाषित नहीं करती हैं। यह हमें दिखाता है कि कैसे हम अंधेरे में भी उजाला पा सकते हैं।
"ऑल वी इमेजिन अस लाइट" एक खूबसूरत फिल्म है जो आपको लंबे समय तक याद रहेगी। यह एक ऐसी फिल्म है जो आपको प्रेरित करेगी, आपको प्रभावित करेगी और आपको सोचने पर मजबूर करेगी।
एक दर्शक के रूप में, फिल्म देखने के बाद मुझे कैसा महसूस हुआ:
यदि आप ऐसी फिल्म की तलाश में हैं जो आपको प्रेरित करे, आपको प्रभावित करे और आपको सोचने पर मजबूर करे, तो "ऑल वी इमेजिन अस लाइट" एक ऐसी फिल्म है जिसे आपको देखना चाहिए।
यह आपको रोशनी के एक नए तरीके से सोचने पर मजबूर करेगी।