सांभल की जामा मस्जिद




सांभल शहर एक ऐसा शहर है जो उत्तर प्रदेश के रामगंगा नदी के तट पर बसा है। शहर का इतिहास बहुत पुराना है और यहाँ कई ऐतिहासिक इमारतें हैं। सांभल की जामा मस्जिद भी एक ऐसी ही ऐतिहासिक इमारत है।

जामा मस्जिद का निर्माण मुगल बादशाह बाबर ने 1528 ईस्वी में करवाया था। यह मस्जिद लाल बलुआ पत्थर से बनी हुई है और इसमें पाँच गुंबद हैं। मस्जिद की लंबाई 120 फुट और चौड़ाई 60 फुट है। मस्जिद के अंदर एक बड़ा सा आँगन है और इसके चारों तरफ मेहराबदार बरामदे हैं।

जामा मस्जिद सांभल की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी मस्जिद है। यहाँ रोजाना हजारों लोग नमाज पढ़ने आते हैं। मस्जिद का रखरखाव यहाँ के मौलवी और इमाम करते हैं।

जामा मस्जिद सांभल का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह मस्जिद न केवल अपने धार्मिक महत्व के लिए बल्कि अपनी स्थापत्य कला के लिए भी प्रसिद्ध है।

जामा मस्जिद सांभल में हर साल कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में ईद-उल-फ़ित्र, ईद-उल-ज़ुहा और शबे बारात जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। ये कार्यक्रम सांभल के मुसलमानों के लिए बहुत महत्व रखते हैं।

जामा मस्जिद सांभल एक ऐसी मस्जिद है जिसका ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह मस्जिद सांभल के लोगों की आस्था का केंद्र है और यह शहर की पहचान है।