स्मृति दिवस
क्या आप जानते हैं कि मेमोरियल डे की शुरुआत किस तरह हुई थी? यह एक दिलचस्प कहानी है जो अपने साथ बहुत कुछ लेकर आई है।
यह 1860 के दशक की बात है, जब अमेरिकी गृहयुद्ध अपने चरम पर था। युद्ध दोनों पक्षों के लिए बहुत ही खूनी और विनाशकारी था, और हजारों सैनिक मारे गए। युद्ध के बाद, देश को अपने नायकों को याद करने और उनका सम्मान करने का एक तरीका तलाशना था।
1868 में, जनरल जॉन ए. लोगन ने घोषणा की कि 30 मई को "सजावट का दिन" के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन, लोगों को कब्रों को सजाने और मृतकों को याद करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। यह परंपरा देशभर में जल्दी ही लोकप्रिय हो गई, और 1971 में, इसे आधिकारिक तौर पर "मेमोरियल डे" नाम दिया गया।
आज, मेमोरियल डे न केवल गृहयुद्ध में मारे गए लोगों को याद करने का दिन है, बल्कि सभी अमेरिकी सैनिकों को याद करने का दिन है जो अपनी जान देश के लिए दे चुके हैं। यह परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने, उन लोगों को याद करने और उनके बलिदान की सराहना करने का दिन है जिन्होंने हमारी आजादी की रक्षा की है।
मेमोरियल डे पर करने के लिए कुछ चीजें:
- एक कब्रिस्तान जाएँ और कब्रों को सजाएँ।
- मेमोरियल सेवा में भाग लें।
- सैन्य संग्रहालय जाएँ।
- एक पिकनिक या बारबेक्यू का आयोजन करें और परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएँ।
- वयोवृद्धों से बात करें और उनके अनुभवों के बारे में जानें।
- देशभक्ति फिल्म या वृत्तचित्र देखें।
- राष्ट्रीय ध्वज को फहराएँ।
- राष्ट्रगान गाएँ।
मेमोरियल डे एक ऐसा दिन है जिस पर हमें उन लोगों को याद करना चाहिए जिन्होंने हमारी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी है। यह उनका सम्मान करने और उनके बलिदान की सराहना करने का दिन है। आइए हम सभी मेमोरियल डे को अपने देश के नायकों को याद करने का समय बनाएँ।