सम पित्रोदा: टेक्नोकैट से राजनेता तक




सम पित्रोदा एक भारतीय प्रौद्योगिकीविद्, उद्यमी और राजनेता हैं। वह टेलीकॉम क्रांति के अग्रदूतों में से एक माने जाते हैं और भारत के विकास में उनके योगदान के लिए उन्हें व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है।

प्रारंभिक जीवन और करियर:

पित्रोदा का जन्म 1942 में गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। उन्होंने इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और फिर संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने सिलिकॉन वैली में कई तकनीकी कंपनियों के लिए काम किया। 1970 के दशक में, वह भारत लौट आए और सी-डॉट (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स) की स्थापना की, जिसने भारत में टेलीफोन एक्सचेंज और अन्य दूरसंचार उपकरणों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

टेलीकॉम क्रांति में भूमिका:

1980 के दशक में, पित्रोदा को तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी द्वारा भारत के दूरसंचार क्षेत्र के विकास का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत में टेलीफोन लाइनों की संख्या में भारी वृद्धि हुई, जिससे देश में दूरसंचार क्रांति आई। पित्रोदा ने भारत के पहले मोबाइल दूरसंचार नेटवर्क, सिटीसेल की भी स्थापना की।

राजनीतिक करियर:

1999 में, पित्रोदा कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए और उन्हें तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया। उन्होंने साइबर सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी उपायों जैसे मुद्दों पर सरकार को सलाह दी।

योगदान और मान्यता:

सम पित्रोदा ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। वह विश्व आर्थिक मंच के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के सदस्य भी हैं।

व्यक्तिगत जीवन:

सम पित्रोदा विवाहित हैं और उनके तीन बच्चे हैं। वह हिंदी, गुजराती और अंग्रेजी सहित कई भाषाएं बोलते हैं।

विचार:

पित्रोदा का मानना है कि प्रौद्योगिकी का उपयोग समाज को बेहतर बनाने के लिए किया जाना चाहिए। वह शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और आर्थिक विकास के प्रति समर्पित हैं। उनका मानना है कि भारत के पास एक वैश्विक नेता बनने की क्षमता है, और वह देश की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध हैं।

निष्कर्ष:

सम पित्रोदा एक प्रेरक व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक टेक्नोक्रैट से राजनेता तक की उनकी यात्रा एक प्रेरणा है, और उनके प्रयासों ने देश को कई तरह से आकार दिया है।