सरदानांद गौडा




आज का राजनीतिक परिदृश्य देखकर अक्सर मन में ये विचार आता है कि क्या सचमुच हमारे नेता जनता की सेवा के लिए हैं या फिर खुद के लिए राज कर रहे हैं।

ऐसे ही एक चर्चित नाम है सरदानांद गौडा का। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में संसद सदस्य गौडा जी की कार्यशैली और बयान अक्सर चर्चा में रहे हैं।

गौडा जी का जन्म 1953 में कर्नाटक के मैसूर जिले के होलेनरसीपुर शहर में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा मैसूर विश्वविद्यालय से पूरी की और बाद में राजनीति में प्रवेश किया।

गौडा जी की राजनीतिक यात्रा का आरंभ 1980 में जनता पार्टी से हुआ था। उन्होंने 1983 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद, वह लगातार पांच बार विधायक रहे।

2008 में गौडा जी को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाया गया। मुख्यमंत्री के रूप में, उन्होंने कई लोकप्रिय योजनाएं लागू कीं, जैसे कि "भाग्यलक्ष्मी" योजना, जिसमें गरीब लड़कियों के विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती थी।

हालांकि, गौडा जी के कार्यकाल में कई विवाद भी हुए। 2011 में, उन्होंने एक विवादास्पद बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि "हिंदू महिलाओं को अपने धर्म की रक्षा के लिए तीन बच्चे पैदा करने चाहिए।"

इस बयान के कारण काफी आलोचना हुई और गौडा जी को पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद, वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और 2014 में उडुपी-चिकमंगलुरु लोकसभा सीट से सांसद चुने गए।

गौडा जी एक विवादास्पद लेकिन लोकप्रिय व्यक्ति हैं। उनके समर्थक उनकी सादगी और आम आदमी से जुड़ने की क्षमता की प्रशंसा करते हैं। वहीं, उनके विरोधी उनके विभाजनकारी बयानों और नीतियों की आलोचना करते हैं।

अपने राजनीतिक करियर के दौरान, गौडा जी ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। वह एक ऐसे नेता के रूप में जाने जाते हैं जो अपनी बात कहने से नहीं हिचकिचाते।

बिहार में हुए भूमि आवंटन घोटाले पर बयान

हाल ही में, गौडा जी ने बिहार में हुए भूमि आवंटन घोटाले पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि "इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए।" इस बयान के कारण विवाद खड़ा हो गया है।

कुछ लोगों का मानना है कि गौडा जी इस मामले में राजनीति कर रहे हैं। उनका तर्क है कि सीबीआई का इस्तेमाल विपक्षी दलों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है।

दूसरी ओर, कुछ लोगों का मानना है कि गौडा जी केवल न्याय की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि भूमि आवंटन घोटाला एक गंभीर मामला है और इसकी सख्त जांच होनी चाहिए।

गौडा जी का यह बयान इस बात का सबूत है कि वह एक ऐसे नेता हैं जो अपनी बात कहने से नहीं डरते। उनकी टिप्पणियों के कारण अक्सर विवाद खड़ा हो जाता है, लेकिन वह जनता की आवाज को उठाने के लिए जाने जाते हैं।

यह तो समय ही बताएगा कि गौडा जी का यह बयान बिहार में भूमि आवंटन घोटाले की जांच को प्रभावित करेगा या नहीं। लेकिन एक बात तो तय है कि वह एक ऐसे नेता हैं जो अपने विचारों को लेकर स्पष्ट हैं और अपनी आवाज उठाने से नहीं डरते।