बंगाल के नवाब, दादा, गांगुली, ये सभी नाम एक महान क्रिकेटर के लिए जाने जाते हैं, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट की दशा और दिशा को बदल दिया। सौरव गांगुली एक ऐसा नाम है जो भारतीय क्रिकेट के सुनहरे दौर का पर्याय बन चुका है।
जीवन का सफर
सौरव गांगुली का जन्म 8 जुलाई, 1972 को कोलकाता में हुआ था। उनके पिता चंडीदास गांगुली एक व्यापारी थे और उनकी माँ निर्मला गांगुली एक गृहिणी थीं। गांगुली ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर्स कॉलेजिएट स्कूल से की और फिर कलकत्ता विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
क्रिकेट करियर
गांगुली का क्रिकेट करियर 1992 में शुरू हुआ जब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में पदार्पण किया। उन्होंने 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में अपना पहला शतक बनाया, और तब से वह कभी पीछे मुड़कर नहीं देखे। गांगुली एक आक्रामक बल्लेबाज और एक कुशल कप्तान थे। उन्होंने भारतीय टीम को कई यादगार जीत दिलाई, जिसमें 2001 में नेटवेस्ट ट्रॉफी और 2003 में विश्व कप फाइनल तक पहुंचना शामिल है।
कप्तानी की विरासत
गांगुली को भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तानों में से एक माना जाता है। उनकी कप्तानी में, भारत ने कई ऐतिहासिक जीत हासिल कीं और दुनिया भर में एक खतरनाक टीम के रूप में पहचान बनाई। गांगुली को उनकी आक्रामक कप्तानी शैली और युवा खिलाड़ियों को मौका देने के लिए जाना जाता था।
पुरस्कार और सम्मान
गांगुली को उनके शानदार क्रिकेट करियर के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। उन्हें 2004 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उन्हें 2007 में विजडन लीडिंग क्रिकेटर ऑफ द ईयर भी चुना गया था।
क्रिकेट के बाद
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, गांगुली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष बने। उन्होंने BCCI के अध्यक्ष के रूप में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए, जिनमें आईपीएल की शुरुआत और घरेलू क्रिकेट की संरचना में सुधार शामिल है। गांगुली वर्तमान में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के अध्यक्ष हैं।
व्यक्तिगत जीवन
सौरव गांगुली ने 1997 में डोना गांगुली से शादी की। उनके दो बच्चे हैं, एक बेटी सना और एक बेटा अग्नि। गांगुली एक उत्साही फुटबॉल प्रशंसक हैं और उन्होंने अपने करियर के दौरान कई फुटबॉल मैच खेले हैं।
उपसंहार
सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट के दिग्गज हैं। वह अपनी आक्रामक बल्लेबाजी, कुशल कप्तानी और खेल के प्रति जुनून के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट की दिशा बदल दी और भारतीय टीम को ऊंचाइयों तक पहुंचाया। गांगुली की विरासत आने वाले कई वर्षों तक भारतीय क्रिकेट को प्रेरित करती रहेगी।