आज सभी लोग नववर्ष 2025 की बधाइयाँ दे रहे हैं। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि इस दिन को इतने धूमधाम से मनाने की शुरुआत कैसे हुई? आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे नए साल की शुरुआत और इसके उत्सव के बारे में कुछ खास बातें।
नए साल की शुरुआत ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी को मानी जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर का निर्माण पोप ग्रेगरी तेरहवें ने करवाया था। उन्होंने जूलियन कैलेंडर की जगह इस कैलेंडर को 1582 में लागू करवाया था।
नए साल को इस तरह से मनाने की शुरुआत बेबीलोन में 4000 साल पहले हुई थी। बेबीलोनियन अपने देवता मार्डुक की जीत के उपलक्ष्य में नए साल का जश्न मनाते थे। इस दौरान वे 12 दिनों तक पार्टी करते थे।
रोमन साम्राज्य में भी नए साल की धूमधाम से शुरुआत होती थी। रोमन लोग 354 ईसा पूर्व से ही 1 जनवरी को नए साल के रूप में मनाते थे। रोमन लोग इस दिन अपने देवता जेनस की पूजा करते थे।
1752 में इंग्लैंड ने ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपनाया। इसके बाद, धीरे-धीरे दुनिया के अन्य देशों ने भी इसे अपनाना शुरू किया। आज, दुनिया के अधिकांश देश ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार ही नए साल का जश्न मनाते हैं।
नए साल के जश्न के साथ कई तरह के रिवाज जुड़े हुए हैं। जैसे-
नया साल नई उम्मीदों और नए सपनों की शुरुआत है। यह हमें अपने अतीत को पीछे छोड़कर भविष्य की ओर देखने का मौका देता है। आइए इस नए साल में हम सभी अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अपने सपनों को पूरा करने का संकल्प लें।
नया साल मुबारक हो!