स्वाति मालीवाल एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो महिलाओं के अधिकारों के लिए अथक लड़ाई लड़ने के लिए जानी जाती हैं। एक संकल्पशील और प्रेरक व्यक्तित्व, उन्होंने महिलाओं और बालिकाओं के लिए न्याय और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में असाधारण काम किया है।
प्रारंभिक जीवन और करिअर
स्वाति मालीवाल का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई की और एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया। हालांकि, जल्द ही उन्हें महसूस हुआ कि कानून के दायरे से परे महिलाओं और बालिकाओं की मदद करने के लिए और भी कुछ करने की जरूरत है।
दिल्ली महिला आयोग (DCW)
2015 में, स्वस्ति को दिल्ली महिला आयोग (DCW) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। DCW एक वैधानिक निकाय है जो दिल्ली में महिलाओं और बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए जिम्मेदार है। स्वस्ति के नेतृत्व में, DCW ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं, जैसे कि एक महिला हेल्पलाइन स्थापित करना और "सेफ सिटी" परियोजना शुरू करना।
महिलाओं के अधिकारों के लिए वकालत
स्वाति मालीवाल महिलाओं के अधिकारों के लिए एक मुखर और अथक वकील हैं। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हिंसा, लैंगिक भेदभाव और कार्यस्थल में उत्पीड़न के मुद्दों पर खुलकर बात की है। उन्होंने महिलाओं के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए कानूनों और नीतियों में बदलाव का आह्वान किया है।
नारी रक्षा अभियान
2015 में, स्वस्ति ने "नारी रक्षा अभियान" की शुरुआत की, जो एक व्यापक अभियान है जिसका उद्देश्य दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा में सुधार करना है। इस अभियान के तहत, उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने, सार्वजनिक परिवहन को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने और महिलाओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की वकालत की है।
पुरस्कार और मान्यता
महिलाओं के अधिकारों की दिशा में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए स्वस्ति को कई पुरस्कार और मान्यताएँ मिली हैं। उन्हें 2018 में "फोर्ब्स इंडिया" द्वारा "100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं" में से एक के रूप में नामित किया गया था। उन्हें 2016 में "CNN-IBN" द्वारा "वर्ष का भारतीय" भी चुना गया था।
साहस और दृढ़ संकल्प
स्वाति मालीवाल एक साहसी और दृढ़ निश्चयी महिला हैं। वह महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने से कभी नहीं हिचकिचाती हैं, भले ही उन्हें व्यक्तिगत हमलों और खतरों का सामना करना पड़े। वह उन महिलाओं के लिए एक प्रेरणा हैं जो अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहती हैं और एक अधिक न्यायसंगत और समान समाज बनाने का प्रयास करती हैं।
आगे की दिशा
स्वाति मालीवाल का मानना है कि महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। वह महिलाओं और बालिकाओं के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए काम करना जारी रखने का संकल्प लेती हैं। वह लोगों से आह्वान करती हैं कि वे उनकी आवाज में शामिल हों और महिलाओं के अधिकारों के लिए एक साथ लड़ें।
स्वाति मालीवाल का काम महिलाओं और बालिकाओं के लिए एक बेहतर भविष्य बनाने की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी की याद दिलाता है। उनकी साहस, प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प हमें एक अधिक न्यायसंगत और समान समाज बनाने के लिए प्रेरित करते रहें।"