हाथरस की जिस मंडी में जब भगदड़ मची तो वहां काफ़ी चहल-पहल थी। भीड़ में बच्चे, बुज़ुर्ग और जवान सब मौजूद थे। कोरोना महामारी के बाद से पहली बार इतनी भीड़ देखने को मिल रही थी। सभी लोग अपने-अपने काम में व्यस्त थे। कुछ लोग कपड़े खरीद रहे थे, कुछ सब्ज़ी लेने आए थे तो कुछ सिर्फ़ घूमने आए थे।
लेकिन अचानक ही भगदड़ मच गई। किसने आग लगाई, कैसे आग लगी, किसी को कुछ पता नहीं चला। बस एक अफ़वाह फैल गई कि किसी ने पटाखे फोड़े हैं। और फिर देखते ही देखते लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
मंडी की गलियां तंग थीं। जिससे लोगों को भागने में परेशानी हो रही थी। कुछ लोग दुकानों में घुस गए तो कुछ सड़क पर गिर गए। कई लोगों को रौंद दिया गया।
भगदड़ में कई लोग घायल हो गए। कुछ की तो मौके पर ही मौत हो गई। जिनकी जान बचाई गई, उन्हें अस्पताल ले जाया गया। लेकिन अस्पताल में भी मरने वालों की तादाद बढ़ती गई।
इस हादसे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भगदड़ कितनी ख़तरनाक हो सकती है। लोगों को इस बात का ख़याल रखना चाहिए कि भीड़-भाड़ वाली जगहों पर कैसे बरताव करना चाहिए।
हाथरस में मची इस भगदड़ से सबक लेना चाहिए। प्रशासन को भीड़-भाड़ को कंट्रोल करने के लिए कड़े इंतज़ाम करने चाहिए। और लोगों को भी ऐसी जगहों पर सावधानी बरतनी चाहिए।
ख़ुद को भीड़ से बचाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है:
इस हादसे में जान गंवाने वालों को हमारी श्रद्धांजलि।
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