हिंदी दिवस




हिंदी, हमारी मातृभाषा, हमारे दिलों में बसी है और हमारी संस्कृति की रीढ़ है। यह एक ऐसी भाषा है जो करोड़ों लोगों को जोड़ती है, हमारे विचारों और भावनाओं को व्यक्त करती है। हिंदी दिवस हमारे लिए इस बहुमूल्य भाषा को मनाने और इसके महत्व को पहचानने का एक दिन है।
मैं एक ऐसे मोहल्ले में पला-बढ़ा हूँ जहाँ हिंदी घर-घर में गूँजती थी। मेरी दादी माँ की कहानियाँ, मेरे पिता के किस्से और मेरी माँ के प्रेमपूर्ण शब्द, सभी हिंदी में बोले जाते थे। यह भाषा मेरे खून में बहती है और मेरी पहचान का एक अभिन्न अंग है।
आज, हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जो 60 से अधिक देशों में फैली हुई है। यह ज्ञान और रचनात्मकता का एक समृद्ध स्रोत है, जिसने महान साहित्य, कविता और संगीत की पीढ़ियों को जन्म दिया है।
हिंदी दिवस को 14 सितंबर, 1953 को पहली बार मनाया गया था, जब संविधान सभा ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। तब से, यह एक ऐसा अवसर बन गया है जहां हम अपनी भाषा के प्रति अपने प्यार और सम्मान को व्यक्त करते हैं।
इस वर्ष के हिंदी दिवस का विषय "स्वराज" है, जो देश की स्वतंत्रता और स्वायत्तता के महत्व को उजागर करता है। यह केवल हमारी राजनीतिक स्वतंत्रता के बारे में नहीं है, बल्कि हमारी भाषाई स्वतंत्रता और अपनी भाषा में सोचने और व्यक्त करने की हमारी क्षमता के बारे में भी है।
जैसे-जैसे हम हिंदी दिवस मनाते हैं, आइए हम अपनी भाषा की रक्षा करने और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हों। आइए हम हिंदी को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम, अपने कनेक्शन का पुल और हमारे साझा इतिहास और संस्कृति की गवाही बनाने का प्रयास करें।
क्योंकि हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, यह हमारे दिलों की धड़कन है, हमारी आत्मा की आवाज़ है। आइए हम इसे आत्मसात करें और इसके खजाने को अनलॉक करें, क्योंकि हम एक साथ एक गौरवशाली भविष्य की ओर अग्रसर होते हैं, जो हमारी मातृभाषा से रोशन होता है।
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जय हिंद! जय हिंदी!