1947 में भारत के विभाजन के बाद, हीरा मंडी को पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया। उसके बाद, यह इलाका एक आवासीय क्षेत्र बन गया। परंतु, इसकी पुरानी इमारतें और व्यापारिक परंपराएँ आज भी बरकरार हैं।
हीरा मंडी की खूबसूरत इमारतें:
हीरा मंडी की सबसे आकर्षक चीजों में से एक इसकी खूबसूरत इमारतें हैं। यहाँ की इमारतों को लाल ईंटों से बनाया गया है, और इनमें जटिल नक्काशी और ऊँची छतें हैं।
सबसे प्रसिद्ध इमारतों में से एक है हीरा मंडी मस्जिद। यह मस्जिद 19वीं सदी में बनाई गई थी, और यह अपने विशाल गुंबद और ऊँचे मीनारों के लिए जानी जाती है।
हीरा मंडी का सांस्कृतिक महत्व:
हीरा मंडी का सांस्कृतिक महत्व भी बहुत है। यह इलाका कई लेखकों, कवियों और कलाकारों का घर रहा है। यहाँ कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं, जैसे कि कविता पाठ और संगीत कार्यक्रम।
यहाँ तक कि, हीरा मंडी पाकिस्तानी फिल्म उद्योग का एक प्रमुख केंद्र था। कई प्रसिद्ध फिल्में यहाँ शूट की गई हैं।
हीरा मंडी का भविष्य:
हीरा मंडी का भविष्य अनिश्चित है। हाल के वर्षों में, इलाके में बहुत विकास हुआ है। कई नई इमारतों का निर्माण किया गया है, और पुराने भवनों का जीर्णोद्धार किया गया है।
हालाँकि, इलाके को अपनी सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। कई पुरानी इमारतों को गिरा दिया गया है, और नई इमारतों में पारंपरिक वास्तुकला का अभाव है।