होली, रंगों का त्योहार, खुशियों और सद्भाव का एक उत्सव है। यह वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है, जब प्रकृति अपने पूरे वैभव में खिलती है। होली की धूम पूरे देश में फैली हुई है, क्योंकि लोग इस रंगीन उत्सव में शामिल होते हैं।
होली से जुड़ी कई कहानियाँ और किंवदंतियाँ हैं। एक लोकप्रिय किंवदंती में होलिका और प्रह्लाद की कहानी शामिल है। होलिका प्रह्लाद की बुआ थी, जो अपने भक्त भाई राक्षस राज हिरण्यकश्यप से उसे नष्ट करना चाहती थी। होलिका को वरदान प्राप्त था कि आग उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकती।
लेकिन जब होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठी, तो प्रभु नारायण की कृपा से चमत्कार हुआ। आग ने होलिका को जला दिया, जबकि प्रह्लाद सुरक्षित रहा। इस घटना को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।
होली का उत्सव कई तरह से मनाया जाता है। लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं, एक-दूसरे पर पानी और रंग डालते हैं, और मिठाइयों का आनंद लेते हैं। गुलाल, पिचकारी और पानी के गुब्बारों से हवा में रंगों का एक धुंधलापन बन जाता है।
होली खुशी, सद्भाव और एकता का प्रतीक है। यह लोगों को एक साथ लाता है, उनकी मतभेदों को भुला देता है और उन्हें रंगों की एकता में बांधता है। इस शुभ अवसर पर, आइए हम अपने प्रियजनों के साथ होली की भावना का जश्न मनाएँ और प्यार, हँसी और रंगों की खुशी में डूब जाएँ। होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
इस लेख को पढ़ने के लिए धन्यवाद। मैं आशा करता हूँ कि आपको यह पसंद आया होगा। होली का त्योहार आप सभी के जीवन में खुशियाँ और समृद्धि लेकर आए।