આપણો તિરંગો ભારતનું રાષ્ટ્રીય પ્રતિક
ભારતે 26 જાન્યુઆરી, 1950ના રોજ તેના બંધારણને અપનાવીને પ્રજાસત્તાક બન્યા. 1930માં ભારતીય રાષ્ટ્રીય કોંગ્રેસે પૂર્ણ સ્વરાજની જાહેરાત કરી હતી અને 15 ઓગસ્ટ 1947ના રોજ ભારતે બ્રિટિશ શાસનથી સ્વતંત્રતા મેળવી હતી.
ભારતના રાષ્ટ્રીય ધ્વજ તરીકે તિરંગાને 22 જુલાઈ 1947ના રોજ ભારતીય સંવિધાન સભા દ્વારા અપનાવવામાં આવ્યો હતો. તિરંગા એ ભારતના રાષ્ટ્રીય ગૌરવ અને સાર્વભૌમત્વનું પ્રતીક છે. તે ભારતીયોના સામૂહિક સંકલ્પ અને બलिदानનું પ્રતીક છે.
तिरंगे में तीन क्षैतिज पट्टियाँ हैं: ऊपर की पट्टी गहरे नीले रंग की है, मध्य की पट्टी सफेद है और निचली पट्टी हरे रंग की है. गहरी नीली पट्टी आकाश, समुद्र और आकाश की अनंतता का प्रतिनिधित्व करती है. सफेद पट्टी शांति, एकता और सच्चाई का प्रतिनिधित्व करती है. हरी पट्टी प्रजनन क्षमता, विकास और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करती है.
सफेद पट्टी पर एक गहरे नीले रंग का चक्र होता है, जो अशोक चक्र है. अशोक चक्र बौद्ध धर्म के धर्म चक्र का प्रतिनिधित्व करता है. यह धर्म, नैतिकता और गतिशीलता का प्रतिनिधित्व करता है.
तिरंगा एक शक्तिशाली प्रतीक है जिसका भारत के लोगों पर गहरा प्रभाव है. यह उन्हें एकता, गौरव और देशभक्ति की भावना प्रदान करता है. तिरंगा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता के लिए लाखों भारतीयों द्वारा किए गए बलिदानों की याद दिलाता है.
तिरंगे को हमेशा सम्मान और सम्मान के साथ फहराया जाना चाहिए. इसे कभी भी जमीन पर नहीं छूना चाहिए या गंदा नहीं करना चाहिए. तिरंगे को सही तरीके से फहराने के लिए एक विशिष्ट प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए.
तिरंगा भारत का गौरव और शान है. यह भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक है. तिरंगा भारतीय लोगों को प्रेरणा और गर्व का स्रोत है.
आइए हम सभी तिरंगे का सम्मान करें और इसे हमेशा ऊंचा रखें. आइए हम अपने देश के लिए काम करना जारी रखें और इसे दुनिया का सबसे महान राष्ट्र बनाएं.