जब बात भारत के सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ियों की आती है, तो हर किसी के दिमाग में एक नाम आता है - श्रीजेश परंथील।
इस स्टार गोलकीपर ने अपनी बेजोड़ प्रतिभा और अटूट दृढ़ संकल्प से हॉकी की दुनिया में एक अमिट छाप छोड़ी है।केरल के एक छोटे से गाँव से उठकर, श्रीजेश ने अपनी प्रतिभा पर कभी संदेह नहीं किया। उन्होंने कड़ी मेहनत की और अपने कौशल को लगातार निखारा।
2016 रियो ओलंपिक में, श्रीजेश भारत की ऐतिहासिक जीत के नायक थे। उनके असाधारण बचाव ने टीम को क्वार्टर फ़ाइनल में पहुँचने में मदद की, जिससे भारत 40 साल बाद ओलंपिक हॉकी में क्वार्टर फ़ाइनल में पहुँचने वाला पहला देश बना।
उनकी उपलब्धियों की सूची अंतहीन है, लेकिन जो चीज़ उन्हें सबसे अलग करती है वह है उनकी देशभक्ति की भावना है।श्रीजेश उन भारतीय एथलीटों में से एक हैं जो खेल के माध्यम से राष्ट्रीय गौरव और एकता को बढ़ावा देते हैं। वह युवा हॉकी खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा हैं और उन्हें भारत का गौरव माना जाता है।
तो अगली बार जब आप श्रीजेश को गोलपोस्ट पर देखते हैं, तो उन्हें उस प्रतिभाशाली खिलाड़ी के रूप में न देखें जो वह हैं। उन्हें उस प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में देखें जो वह भारतीय खेलों के लिए हैं।वह न केवल एक महान हॉकी खिलाड़ी हैं, बल्कि एक सच्चे भारतीय चैंपियन भी हैं।
जय हिंद, श्रीजेश!