आज ही के दिन, 15 अगस्त 1947 को हमारा देश ब्रिटिश शासन से मुक्त हुआ था। आज हम अपने 78वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहे हैं। यह वो दिन है जो हमें कई भावनाओं से भर देता है - गर्व, आनंद, कृतज्ञता और जिम्मेदारी की भावना।
स्वतंत्रता की लड़ाई हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के अथक प्रयासों और बलिदानों से भरी हुई एक लंबी और कठिन यात्रा रही है। महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री जैसे महान नेताओं ने अहिंसा और एकता के सिद्धांतों पर जोर देकर हमारे देशवासियों को प्रेरित किया।
जब हम अपने स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाते हैं, तो हमें उन स्वतंत्रता सेनानियों को याद करना चाहिए जिन्होंने हमारे लिए इतने महान बलिदान दिए। हमें उनके आदर्शों और मूल्यों को याद रखना चाहिए, जिन पर हमारे राष्ट्र का निर्माण हुआ था। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि आजादी का मतलब सिर्फ विदेशी शासन से मुक्त होना नहीं है। यह हमारे भीतर की उन जंजीरों से भी मुक्त होने के बारे में है जो हमें अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने से रोकती हैं।
स्वतंत्रता एक उपहार है जिसे संजोया जाना चाहिए और पोषित किया जाना चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने देश को एक बेहतर जगह बनाने के लिए काम करें। हमें मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि हम समृद्धि, समानता और न्याय का एक राष्ट्र बना सकें जहां सभी को समान अवसर मिले।
आजादी के इस मौके पर, आइए हम अपने राष्ट्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करें। आइए हम सभी मतभेदों को भुला दें और मिलकर काम करने का संकल्प लें। आइए हम अपने देश को एक ऐसा देश बनाएं जिस पर हमें गर्व हो सके।
जय हिंद!