प्रिय देशवासियों, आज हम अपने देश के नायकों को याद कर रहे हैं, जिनकी कुर्बानी ने हमें आजादी दिलाई। अंग्रेजों के शासन से मुक्त होने की जंग में हमारे वीर जवानों ने अपनी जान की आहुति दे दी। आज उनके बलिदान को याद करते हुए, मुझे एक घटना याद आती है जो मेरे जीवन में अंकित है।
मैं एक छोटी सी लड़की थी जब मैं अपने पिता के साथ एक युद्ध स्मारक पर गई थी। वहां नायकों के नाम लिखे हुए थे जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी थी। मैं एक-एक करके नाम पढ़ती जा रही थी, जब अचानक एक नाम ने मेरी आंखें खोल दीं - मेरा दादा का नाम।
मेरे दादा एक साधारण किसान थे, लेकिन जब उनके देश को उनकी जरूरत थी, तो वह बिना किसी हिचकिचाहट के युद्ध में चले गए। वह दुश्मन की गोलियों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। मुझे कभी नहीं पता चला कि उन्होंने युद्ध में क्या किया, लेकिन मैं जानती थी कि वह एक सच्चे नायक थे।
उस दिन युद्ध स्मारक पर, मुझे एहसास हुआ कि देशभक्ति का मतलब केवल सेना में भर्ती होना या लड़ाई लड़ना नहीं है। इसका मतलब अपने देश से प्यार करना, उसकी रक्षा करना और उसके लिए हर संभव त्याग करना है।
आज जब मैं अपने देश को देखती हूं, तो मुझे गर्व होता है कि हम अपने नायकों की विरासत को संभाल रहे हैं। हम एक स्वतंत्र राष्ट्र हैं, और हमारी आजादी उन लोगों के खून से खरीदी गई है जो हमसे पहले थे।
अपने देश को सलाम करते हुए, मैं आप सभी से आग्रह करती हूं कि आप अपने वीर जवानों के बलिदान को कभी न भूलें। उनके साहस और समर्पण को हमेशा याद रखें, और उनकी विरासत को जीवित रखने के लिए काम करें।
जय हिंद, जय भारत!