आप सभी ने मलयालम फिल्म "आंचक्कलाकोक्कन" तो देखी ही होगी ना? अगर नहीं देखी है तो जरूर देखिए। यह एक बहुत ही अच्छी फिल्म है।
ये कहानी है एक ऐसे लड़के की जो अपनी जिंदगी को पूरी तरह से दूसरों के लिए समर्पित कर देता है। वो अपने परिवार, दोस्तों और गांव के लोगों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता है।
लेकिन एक दिन, उसकी जिंदगी में एक बहुत बड़ा बदलाव आ जाता है। उसे पता चलता है कि उसे एक लाइलाज बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है।
इस खबर से वो टूट जाता है, लेकिन वो हार नहीं मानता। वो अपनी बीमारी से लड़ने का फैसला करता है और दूसरों को भी खुश रखने की कोशिश करता है।
वो अपने गांव के लोगों को एक साथ लाता है और एक नया मंदिर बनाने का फैसला करता है। इस मंदिर को वो अपने गांव के लोगों को समर्पित करता है ताकि वो हमेशा खुश रहें।
मंदिर के निर्माण में वो पूरी जान लगा देता है और आखिरकार मंदिर बनकर तैयार हो जाता है। लेकिन वो इसे पूरा नहीं देख पाता।
मंदिर के उद्घाटन के दिन ही वो अपनी जान दे देता है। लेकिन उसकी मौत से गांव के लोगों को कोई दुख नहीं होता। क्योंकि वो जानते हैं कि वो अब भी उनके साथ है, उनके दिलों में।
आंचक्कलाकोक्कन एक बहुत ही इमोशनल फिल्म है। इस फिल्म को देखकर आपको जरूर रोना आएगा। लेकिन यह फिल्म आपको यह भी सिखाएगी कि जिंदगी कितनी खूबसूरत है।
इसलिए आप सभी से मेरी गुजारिश है कि आप भी यह फिल्म जरूर देखें।
तो देर किस बात की, आज ही जाइए और फिल्म देखिए।