AP Voting Percentage




क्या आप जानते हैं, भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक आंध्र प्रदेश में मतदान प्रतिशत हमेशा से ही बहुत कम रहा है? 2019 के लोकसभा चुनाव में, आंध्र प्रदेश का मतदान प्रतिशत सिर्फ 58.68% था, जो राष्ट्रीय औसत 67.4% से काफी कम था। 2018 के राज्य विधानसभा चुनाव में भी यही हाल था, जिसमें मतदान प्रतिशत सिर्फ 67.48% था।
मतदान प्रतिशत में यह गिरावट चिंताजनक है। आंध्र प्रदेश जैसे विशाल राज्य में, इतने कम मतदान से सरकार की वैधता पर सवाल उठते हैं। यह इस बात का संकेत है कि लोग शासन से असंतुष्ट हैं, और उन्हें विश्वास नहीं है कि उनके वोट से कोई फर्क पड़ेगा।
इस स्थिति के कई कारण हैं। एक कारण यह है कि आंध्र प्रदेश में राजनीतिक दलों के बीच भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी का इतिहास रहा है। इससे लोगों का राजनीतिक प्रक्रिया से भरोसा उठ गया है। दूसरा कारण यह है कि राज्य सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन से ग्रस्त है। बहुत से लोगों को लगता है कि चुनाव व्यर्थ हैं क्योंकि नेता उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं देते हैं।
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कुछ कदम उठाए जाने चाहिए। सबसे पहले, राजनीतिक दलों को भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी से मुक्त होना चाहिए। उन्हें लोगों को यह दिखाने की ज़रूरत है कि वे उनकी समस्याओं को गंभीरता से ले रहे हैं। दूसरा, सरकार को राज्य में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना चाहिए। इससे लोगों में आशा और विश्वास पैदा होगा, जिससे उन्हें मतदान की अधिक संभावना होगी।
आंध्र प्रदेश में मतदान प्रतिशत बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन यह असंभव नहीं है। राजनीतिक दलों और सरकार को लोगों का भरोसा फिर से हासिल करने और राज्य के भविष्य के लिए आशा और विश्वास पैदा करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।