માત્ર બે દિવસ પછી ભાઈ બીજનું પર્વ ઉજવાશે. આ દિવસે બહેનો अपने भाइयों के मस्तक पर तिलक करती हैं और उन्हें भोजन कराती हैं. इस बार यह त्योहार 3 नवंबर को मनाया जाएगा.
भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित है। इस दिन बहने अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं और भाई अपनी बहनों को उपहार देकर उनका सम्मान करते हैं।
इस साल भाई दूज 3 नवंबर, रविवार को मनाया जाएगा। तिलक का शुभ मुहूर्त सुबह 10:28 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक रहेगा।
भाई दूज की पूजा करने के लिए सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद एक थाली में रोली, चावल, फूल, दीपक और मिठाई रखकर भाई के माथे पर तिलक लगाना चाहिए। तिलक लगाने के बाद भाई को भोजन कराना चाहिए।
भाई दूज की एक पौराणिक कथा है जिसके अनुसार, भगवान यम अपनी बहन यमुना से मिलने आए थे। यमुना ने अपने भाई का बहुत आदर सत्कार किया। यमराज को अपनी बहन का प्यार इतना पसंद आया कि उन्होंने वरदान दिया कि जो भाई अपनी बहन से भाई दूज पर तिलक करवाएगा, उसे कभी भी यमलोक की यातना नहीं मिलेगी।
भाई दूज के दिन कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं। इनमें लड्डू, बरफी, खीर और हलवा प्रमुख हैं। इन व्यंजनों को भाई-बहन मिलकर खाते हैं और त्योहार की खुशियां मनाते हैं।