Bloody Beggar समीक्षा




ब्लडी बेगर, कहानी है एक ऐसे भिखारी की जिसकी जिंदगी एक मुसीबत के बाद दूसरी मुसीबत में फंसती जाती है.

फिल्म की शुरुआत होती है एक भिखारी से जो हर रोज की तरह अपने ठिकाने पर भिक्षा मांग रहा होता है. तभी एक आदमी आता है और उसे अपनी बेटी की शादी में भिक्षा मांगने के लिए बुलाता है. भिखारी उसके साथ जाता है और वहां उसे कई अजीबोगरीब चीजें नजर आती हैं.

शादी में भूतों के होने की अफवाह है. और भिखारी को भी यही लगता है कि यहां कुछ अजीब हो रहा है. वह अपनी जान बचाकर भाग जाता है और फिर उसकी मुलाकात एक औरत से होती है जो उसे अपने साथ ले जाती है.

यह औरत एक डायन होती है और वह भिखारी को अपने साथ ले जाकर उस पर एक जादू करती है. जिसकी वजह से भिखारी का शरीर बदल जाता है और वह एक खूबसूरत आदमी बन जाता है.

भिखारी अपने नए शरीर से बहुत खुश होता है और वह शहर में घूम-घूमकर लोगों से पैसे मांगने लगता है. लेकिन एक दिन उसकी मुलाकात फिर से उस आदमी से होती है जिसने उसे शादी में बुलाया था.

आदमी भिखारी को पहचान लेता है और उसे अपने साथ ले जाता है. लेकिन इस बार भिखारी डरता नहीं है क्योंकि उसके पास अब जादू है. वह आदमी को मार देता है और फिर उसकी पत्नी को भी मार देता है.

भिखारी अब एक खूंखार कातिल बन चुका है. वह शहर में लोगों को मारता और लूटता फिरता है. लेकिन एक दिन पुलिस उसे पकड़ लेती है और उसे जेल में डाल देती है.

जेल में भिखारी को अपनी गलतियों का एहसास होता है. वह पछताता है कि उसने जादू का गलत इस्तेमाल किया. वह अपनी सजा पूरी करता है और फिर एक नई जिंदगी शुरू करता है.

फिल्म का निर्देशन एम. शिवाबलन ने किया है और मुख्य भूमिका में कविन हैं. कविन ने भिखारी के किरदार को बहुत अच्छे से निभाया है. फिल्म की कहानी अच्छी है और दर्शकों को बांधे रखती है.

लेकिन फिल्म की कुछ खामियां भी हैं. जैसे फिल्म की गति कुछ धीमी है और कुछ जगहों पर कहानी थोड़ी उबाऊ हो जाती है. लेकिन कुल मिलाकर फिल्म अच्छी है और एक बार जरूर देखी जा सकती है.